अहमदाबाद । कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने मंगलवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ (American ‘tariffs’) ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। उन्होंने कहा कि भारत की मुख्य उम्मीद अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए प्रभावी बातचीत करने में है। उन्होंने कुछ देशों पर अमेरिकी आयात शुल्क के असर पर चिंता जताई।
शशि थरूर ने कहा कि यह सिर्फ हमारे शेयर बाजार की बात नहीं है। हमारे शेयर बाजार में कई अन्य शेयर बाजारों की तुलना में कम गिरावट आई है, जबकि अमेरिकी शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई है। हमारा बाजार 3%, जबकि उनका बाजार 9% नीचे चला गया है। यह स्थिति बहुत निराशाजनक है।
कई देशों को मंदी का सामना करना पड़ सकता है
शशि थरूर ने आगे कहा कि अमेरिकी टैरिफ ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। इससे कई देशों को मंदी का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के दृष्टिकोण से मुख्य उम्मीद अमेरिकियों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए प्रभावी बातचीत करने में है। कुछ लोग उम्मीद कर रहे थे कि जो हमारे प्रतिस्पर्धी देश हैं, उन पर हमसे कहीं अधिक टैरिफ लगाया गया है, लेकिन वे भी अब बातचीत कर रहे हैं।
टैरिफ के प्रभाव से मजबूत होकर उभरेगा भारत: पुरी
इस बीच, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने विश्वास जताया कि भारत अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव से मजबूत होकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता के कारण भारत अच्छा प्रदर्शन करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पदभार ग्रहण करने के बाद से पारस्परिक टैरिफ पर अपना रुख दोहराया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका भारत सहित अन्य देशों द्वारा लगाए गए टैरिफ से मेल खाएगा। वहीं, कुछ देशों ने ट्रंप के पारस्परिक टैरिफ का सामना करते हुए जवाबी कार्रवाई की है। उन्होंने अमेरिकी वस्तुओं पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए हैं, जिससे व्यापार तनाव बढ़ गया है। हालांकि, भारत ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया, क्योंकि दोनों देश सक्रिय रूप से व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं।
रुबियो और जयशंकर ने टैरिफ के बारे में चर्चा की
इससे पहले, सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टैरिफ के बारे में चर्चा की। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस के अनुसार, चर्चा का उद्देश्य निष्पक्ष और संतुलित व्यापार संबंधों की दिशा में आगे बढ़ना रहा।
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