इन्दौर, सुनील नावरे। कभी शेरों के परिवार के कारण तो कभी शावकों को प्राकृतिक तरीके से पालने के मामले को लेकर देशभर में इन्दौर का प्राणी संग्रहालय चर्चित रहा है। अब इन्दौर में फिर नया प्रयोग होने जा रहा है। देशभर में पहली बार 50 करोड़ की लागत से डेढ़ एकड़ में ऐसा फिश एक्वेरियम बनाया जाएगा, जहां दर्शकों को शार्क से लेकर व्हेल, ऑक्टोपस, जापान की दुर्लभ मछलियों के साथ-साथ सौ से ज्यादा प्रजातियों की डेढ़ से दो हजार मछलियां एक्वेरियम में रहेंगी। इसको बनाने से पहले देशभर के चुनिंदा एक्सपर्ट की टीम यहां आएगी और तमाम इंतजाम से लेकर डिजाइन तक फाइनल करेगी। अब तक देश में ऐसा कोई प्राणी संग्रहालय नहीं है, जहां एक्वेरियम में शार्क और व्हेल रखी गई हों।
इन्दौर प्राणी संग्रहालय में कुछ दिनों पहले भी नंदनकानन वन से काली धारी वाले तेंदुए को लाया गया था। यहां इससे पहले शेरों का कुनबा लगातार बढ़ता रहा है। इसके अलावा यहां बनाया गया ओपन पक्षी विहार भी दर्शकों में खासा चर्चित है। इसके चलते जू में लगातार दर्शकों की संख्या बढ़ती जा रही थी। कई एकड़ में फैले जू में अब कुछ नई तैयारियां और पिंजरे बनाने का काम चल रहा है। कल निगम बजट में प्राणी संग्रहालय में बनने वाले फिश एक्वेरियम के लिए 50 करोड़ की राशि मंजूरी हुई है। अब वहां काम शुरू कराने की कवायद जल्द शुरू कराई जाएगी। जू के प्रभारी अधिकारी डॉ. उत्तम यादव के मुताबिक करीब डेढ़ एकड़ में फिश एक्वेरियम बनाया जाएगा। इसके लिए तमाम एक्सपट्र्स से राय ली जाएगी, जिनमें कई बड़े शहरों के एक्सपर्ट भी शामिल हंै। एक पूरी पैनल रहेगी, जो कार्यों को लेकर अपने दिशा-निर्देश देगी और डिजाइन फाइनल करेगी। आने वाले डेढ़ से दो माह के अंतराल में काम शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर की फर्म को काम सौंपे जाने की तैयारी है, जिसके लिए जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे।
विशालकाय परिसर में रहेगा आधा समुद्री पानी
जू के अधिकारियों के मुताबिक शार्क और व्हेल के लिए बनाए जाने वाले फिश एक्वेरियम के विशाल परिसर में उनके पानी के लिए कुछ अनोखे प्रबंध किए जाएंगे, ताकि मछलियों को वहां समुद्री एहसास हो सके। इसके लिए आधा शुद्ध पानी रहेगा और आधा समुद्री पानी मिलाया जाएगा। इसके लिए कुछ स्थानों पर पानी के टैंक बनाए जाएंगे। समुद्री पानी बनाने के लिए जू में ही कुछ प्रयोग किए जाएंगे और वही पानी मछलियों के पॉट के उपयोग में लाया जाएगा।
देशभर के किसी भी जू में नहीं शार्क और व्हेल
डॉ. यादव के मुताबिक इन्दौर जू पहला जू है, जहां शार्क, व्हेल और ऑक्टोपस के साथ-साथ जापानी दुर्लभ मछलियां रखी जाएंगी। उनके मुताबिक कई छोटी-बड़ी शार्क मछलियों, जापानी मछलीं कोईकार्प के साथ-साथ जैलीफिश, स्टिंगलैस और करीब सौ से ज्यादा प्रजातियों की मछलियां जू के एक्वेरियम में लाई जाएंगी। इसके लिए अलग-अलग शहरों में चर्चा कर दुर्लभ मछलियों को लाने का सिलसिला कुछ महीनों बाद शुरू किया जाएगा। करीब डेढ़ से दो हजार मछलियां एक्वेरियम में रहेंगी।
जल्द आएगी एक्सपट्र्स की टीम
अधिकारियों के मुताबिक 50 करोड़ के फिश एक्वेरियम के लिए करीब 8 से 10 एक्सपट्र्स की टीम रहेगी, जो डिजाइन से लेकर वहां होने वाले कार्यों पर अपनी राय देगी। उसके लिए कुछ जगह के एक्सपट्र्स से निगम अफसरों की चर्चा हो चुकी है। अब जल्द ही पूरी टीम यहां आएगी और स्थान का दौरा करने के साथ-साथ टेंडर की तमाम और आवश्यक शर्तें लागू की जाएंगी। उसी मान से ठेका लेने वाली फर्म को काम करना होगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved