नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) की कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court) ने मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) और दिल्ली के जामिया इलाके में पूर्व छात्र शरजील इमाम (Sharjeel Imam) द्वारा दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों (inflammatory speech) के संबंध में शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह के तहत आरोप तय किए है. कोर्ट ने कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित FIR में शरजील इमाम के खिलाफ आरोप तय किए. शरजील इमाम के खिलाफ दो समूहों के खिलाफ दुश्मनी को बढ़ावा देने, दुश्मनी भड़काने और देशद्रोह से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए गए.
दरअसल, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने मंगलवार को यह आदेश पारित किया. कोर्ट ने पहले अभियोजन और इमाम के बचाव पक्ष के वकील दोनों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था. वहीं, शरजील इमाम पर 13 दिसंबर, 2019 को दिल्ली के जामिया इलाके में और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था. वहीं, इमाम के खिलाफ देशद्रोह और IPC के अन्य आरोपों के तहत FIR दर्ज की गई थी. वर्तमान FIR धारा 124ए, 153ए, 153बी,505 के तहत दर्ज की गई थी. अभियोजन ने अदालत को सूचित किया कि इमाम ने यह कहकर भीड़ को भड़काने का प्रयास किया था कि ‘जनता के गुस्से को अच्छे तरीके से भुनाने की जरूरत है’.
कोर्ट ने 26 मार्च को करेगी मामले की सुनवाई
बता दें कि कोर्ट ने 24 जनवरी 2022 को आरोप तय करने का निर्देश दिया था. हालांकि, कोर्ट ने शरजील की नियमित जमानत याचिका (Bail Application) खारिज कर दी थी. इस दौरान कोर्ट ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 26 मार्च, 2022 की तारीख दी गई है. इसके अलावा उन्हें जनवरी 2020 में उनके भड़काऊ भाषणों के लिए देशद्रोह से जुड़े एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें उनकी “भारत से असम को काट दो” टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया था.
बीते 24 जनवरी को कोर्ट ने जमानत देने से किया था इनकार
वहीं, कोर्ट ने कहा,था कि “यह यूएपीए के तहत मामला है. चूंकि 24 जनवरी को आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया गया था और इस कोर्ट ने सुझाव दिया था कि मामले की सुनवाई तेजी से पूरी की जाएगी. हालांकि,कोर्ट ने इस पर दिन-प्रतिदिन सुनवाई करने का प्रस्ताव रखा है. ऐसे में ये मामला दिसंबर 2019 के शाहीन बाग विरोध के आरोपी शारजीत इमाम को दिल्ली पुलिस ने जहानाबाद, बिहार से 2020 में गिरफ्तार किया था. इमाम को जमील मिलिया इस्लामिया में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के मामले में जमानत दी गई थी, जिसके कारण दिसंबर 2019 में विश्वविद्यालय के बाहर कथित तौर पर हिंसा हुई थी.
दिल्ली पुलिस ने भड़काऊ भाषण देने के लगाए थे आरोप
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने भारत सरकार के प्रति घृणा, अवमानना और अप्रसन्नता को भड़काने वाले भाषण दिए. दिल्ली पुलिस ने शरजील के खिलाफ चार्जशीट में कहा था, ”उस पर देशद्रोही भाषण देने और समुदाय के एक खास वर्ग को गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाने का आरोप है, जोकि देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक है.’
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