नई दिल्ली (New Dehli)। अमेरिका (America)के शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg)की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह (Adani Group)संकट से बाहर निकलने के लिए संघर्ष (Conflict)कर रहा है। इस बीच, अडानी समूह ने अगले दशक में इंफ्रा पर ₹7 लाख करोड़ ($84 बिलियन) खर्च करने की योजना बनाई है। बता दें कि हिंडनबर्ग की वजह से लगभग इतनी ही रकम अडानी समूह को गंवानी पड़ी थी। यह शेयरों में भारी गिरावट की वजह से हुआ।
अधिकारी ने दिए संकेत: अडानी समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी जुगेशिंदर सिंह ने भी इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा, “हम और अधिक निवेश करने की इच्छा रखते हैं।” सिंह ने कहा कि समूह का लक्ष्य अगले साल अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड और अडानी एनर्जी सहित अपनी कंपनियों के माध्यम से बांड जुटाना है। सिंह ने कहा कि समूह अगले साल सितंबर और दिसंबर में मैच्योर होने वाली अपनी ग्रीन एनर्जी ब्रांच के बांडों को चुकाने के लिए भी पैसे लगाएगा। समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी ने कहा कि हमारे पास क्षमता 20 लाख करोड़ रुपये का है। 25 साल की अवधि में हम 80 लाख करोड़ रुपये तक का निवेश करेंगे।
बता दें कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच से संबंधित एक मामले में दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। इसके बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है।
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