नई दिल्ली। शेयरधारकों (shareholders) ने टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) को फिर से कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल करने की मंजूरी दे दी है। कंपनी के शेयरधारकों ने अगले पांच साल के लिए चंद्रशेखरन की पुनर्नियुक्ति को मंजूरी दी है। हालांकि, इसका सबसे बड़ा शेयर धारक शापूरजी पालोनजी (Shapoorji Pallonji) समूह मतदान में शामिल नहीं हुआ।
इस साल फरवरी में टाटा संस के बोर्ड ने कार्यकारी चेयरमैन के तौर पर पांच और वर्षों के लिए यानी फरवरी 2027 तक के लिए एन चंद्रशेखरन की पुनर्नियुक्ति को मंजूरी दी थी। इसके बाद अब इस पर शेयरधारकों को फैसला लेना था। सोमवार को हुई शेयरधारकों की बैठक में दूसरे कार्यकाल के लिए चंद्रशेखरन की पुनर्नियुक्ति (Chandrasekaran’s reappointment) के लिए 50 फीसदी से अधिक मतों की आवश्यकता थी क्योंकि यह सामान्य प्रस्ताव था।
टाटा ने इस प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया। इसके साथ ही सूत्रों ने यह भी कहा कि पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री (Chairman Cyrus Mistry) का शापूरजी पालोनजी परिवार चंद्रशेखरन की पुनर्नियुक्ति और जेपी मोर्गन इंडिया के चेयरमैन लियो पुरी की टाटा संस के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के तौर पर नियुक्ति के लिए हुए मतदान से दूर रहा। बता दें कि शापूरजी पलोनजी समूह टाटा संस में 18.4 फीसदी का हिस्सेदार है।
एन चंद्रशेखरन का जन्म 1963 में तमिलनाडु के मोहनूर (Mohanur of Tamil Nadu) में हुआ था। इन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एमसीए की पढ़ाई की है। वह 1987 में टाटा समूह के साथ जुड़े थे और उन्हीं के नेतृत्व में टीसीएस टाटा समूह की सबसे बड़ी कंपनी बनने के साथ-साथ मुनाफे के मामले में भी सर्वाधित सफल साबित हुई थी। चंद्रा के नाम से मशहूर चंद्रशेखरन को अक्तूबर 2016 में टाटा संस के बोर्ड में शामिल किया गया था। जनवरी 2017 में उन्हें टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त किया गया था और फरवरी 2017 में उन्होंने यह पद संभाला था। वह टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर और टीसीएस जैसी कंपनियों के बोर्ड में भी चेयरमैन हैं।
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