नई दिल्ली: सरकारी कंपनियों (Government companies) के शेयरों (Share) ने पिछले 10 दिनों में 7 लाख करोड़ (7 lakh crore) रुपये का मुनाफा (profit) कमाते हुए जबरदस्त तेजी दिखाई है। इस तेजी की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के निर्णायक प्रबंधन शैली से की जा रही है। विश्लेषक और निवेशक इस अभूतपूर्व बढ़ोतरी के पीछे के कारणों को गौर से देख रहे हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीएसयू शेयरों के प्रभावशाली प्रदर्शन में कई फैक्टरों ने योगदान दिया है। एक महत्वपूर्ण कारण सरकार का राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों के निजीकरण और रणनीतिक विनिवेश पर फोकस है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कई पीएसयू के निजीकरण की सरकार की योजनाओं के बारे में हालिया घोषणा ने निवेशकों के बीच सकारात्मक धारणा बनाई है।
निजीकरण के स्पष्ट रोडमैप ने जगाया भरोसा
एक इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने कहा कि मोदी सरकार के निजीकरण के स्पष्ट रोडमैप ने निवेशकों में विश्वास जगाया है। बाजार इन उद्यमों के अधिक कुशल और लाभदायक प्रबंधन की संभावना पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहा है। इसके अलावा कई PSU के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन ने निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और कोल इंडिया जैसी कंपनियों ने मजबूत तिमाही नतीजे दर्ज किए हैं। इससे उनके शेयरों की कीमतों में तेजी आई है।
एक मार्केट एक्सपर्ट ने कहा कि PSU मजबूत वित्तीय सेहत को दिखा रहे हैं। उनकी प्रॉफिटेबिलिटी निवेशकों को लुभा रही है। बाजार इन शेयरों से रिटर्न की क्षमता को पहचान रहा है। तेजी में योगदान देने वाला एक अन्य कारक PSU शेयरों का आकर्षक वैल्यूएशन है। इनमें से कई शेयर अपने निजी क्षेत्र के समकक्षों की तुलना में अपेक्षाकृत कम वैल्यूएशन पर कारोबार कर रहे थे। इससे वे वैल्यू निवेशकों के लिए आकर्षक हो गए। हालिया तेजी ने इस मूल्यांकन अंतर को कुछ हद तक पाटने में मदद की है।
कम वैल्यूएशन से भी बढ़ा आकर्षण
एक निवेश रणनीतिकार ने कहा कि PSU शेयरों के कम मूल्यांकन ने निवेशकों के लिए आकर्षक मौका दिया। चल रहे सुधारों और रणनीतिक पहलों के साथ इन शेयरों में बढ़ोतरी की संभावना काफी अधिक है। PSU शेयरों में तेजी को सकारात्मक वैश्विक बाजार के रुझानों और विदेशी संस्थागत निवेश में बढ़ोतरी का भी समर्थन मिला है। चूंकि वैश्विक बाजार मजबूत बने हुए हैं, इसलिए स्पिलओवर प्रभाव से PSU सहित भारतीय शेयरों को फायदा हुआ है।
वैसे तो इस रैली में फायदा हुआ है, लेकिन विशेषज्ञ निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह देते हैं। बाजार अस्थिर हो सकता है। निवेश निर्णय लेने से पहले पूरी तरह से शोध करना और दीर्घकालिक संभावनाओं पर विचार करना जरूरी है। PSU शेयरों में हालिया उछाल सरकारी सुधारों, मजबूत वित्तीय प्रदर्शन, आकर्षक मूल्यांकन और सकारात्मक वैश्विक बाजार के रुझानों के कॉम्बिनेशन को दर्शाता है। मोदी सरकार निजीकरण और रणनीतिक पहलों पर अपना जोर जारी रखे हुए है। आने वाले महीनों में PSU शेयरों का प्रदर्शन निवेशकों के लिए एक फोकस पॉइंट बना रहेगा।
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