नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी (public sector insurance company) भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) (Life Insurance Corporation of India (LIC)) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) (Initial Public Offering (IPO)) को निवेशकों से जबरदस्त समर्थन मिला है। एलआईसी के आईपीओ में बोलियां लगाने वाले निवेशकों को कंपनी के शेयर 12 मई को आवंटित किए जाएंगे, जबकि एलआईसी के शेयर 17 मई को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होंगे। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडेय ने यह जानकारी दी।
दीपम सचिव तुहीन कांत पांडेय ने सोमवार को निर्गम की अवधि खत्म होने के बाद यहां आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि एलआईसी के आईपीओ को सभी खंडों में निवेशकों का तगड़ा समर्थन मिला है। पांडेय ने कहा कि घरेलू निवेशकों ने एलआईसी के आईपीओ को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण है, जो साबित करता है कि अब विदेशी निवेशकों पर निर्भरता नहीं रही।
पांडेय ने कहा कि हमें आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 4 मई को शुरू हुआ एलआईसी के आईपीओ का ऑफर शाम 7 बजे बंद हो गया है। इसे सभी श्रेणियों के निवेशकों से जबरदस्त सफलता मिली है, जो अंततः एलआईसी की लिस्टिंग की ओर ले जाएगा और पूंजी बाजार को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि आईपीओ में बोलियां लगाने वाले निवेशकों को 12 मई को शेयर आवंटित किए जाएंगे। इसके साथ ही एलआईसी के शेयर को शेयर बाजारों में 17 मई को सूचीबद्ध किया जाएगा।
एलआईसी के आईपीओ को निर्गम के अंतिम दिन 2.95 गुना अभिदान मिला है। शेयर बाजारों पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक इन शेयरों के लिए निवेशकों की ओर से 47,83,25,760 बोलियां लगाई गई है। सरकार इससे करीब 21 हजार करोड़ रुपये जुटाने में सफल रही। इस राशि के साथ एलआईसी का निर्गम देश का अब तक सबसे बड़ा आईपीओ साबित हुआ है।
इसके पहले वर्ष 2021 में पेटीएम का आईपीओ 18,300 करोड़ रुपये का रहा था, जबकि वर्ष 2010 में कोल इंडिया का आईपीओ करीब 15,500 करोड़ रुपये का रहा था। एलआईसी का गठन एक सितंबर, 1956 को 245 निजी जीवन बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर किया गया था। उस समय इसमें 5 करोड़ रुपये की पूंजी डाली गई थी। (एजेंसी, हि.स.)
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