नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन के गाबा पर खेले जा रहे चौथे और निर्णायक मैच के तीसरे दिन शार्दुल ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर की जोड़ी ने सातवें विकेट के लिए 123 रनों की साझेदारी कर न सिर्फ भारतीय टीम को मैच में वापसी कराई,बल्कि एक खास उपलब्धि भी हासिल कर ली।
इन दोनों ने 20 साल पहले वर्ष 1991 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा में सातवें विकेट के लिए कपिल देव और मनोज प्रभाकर द्वारा किये गए 58 रनों की साझेदारी के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
शार्दुल और सुंदर की जोड़ी तब मैदान पर उतरी,जब भारतीय टीम 186 रनों पर 6 विकेट खोकर संघर्ष कर रही थी। इसके बाद दोनों ने आक्रामकता के साथ मिश्रित सावधानी बरती और दोनों बल्लेबाज ढीली गेंदों को भुनाने के काम में जुटे रहे। सुंदर और शार्दुल ने दूसरी नई गेंद के साथ सात ओवरों का भी सामना किया। इन दोनों ने मिलकर भारत का स्कोर 300 के पार पहुंचाया।
309 के कुल स्कोर पर इस साझेदारी को पैट कमिंस ने शार्दुल (67) को आउट कर तोड़ा। वहीं, सुंदर ने अपने पदार्पण टेस्ट में 62 रनों की पारी खेली भारत की पहली पारी 336 रनों पर समाप्त हुई और ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी के आधार पर 33 रनों की बढ़त हासिल हुई। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के 21 रन बना लिए हैं। ऑस्ट्रेलिया की कुल बढ़त 54 रनों की हो गई है।
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