नई दिल्ली । शारदीय नवरात्रि (Navratri 2021) का आज 11 अक्टूबर, सोमवार को छठवां दिन है। शास्त्रों के अनुसार, आज मां कात्यायनी (Maa Katyayani) की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी अपने भक्तों के लिए उदार भाव रखती हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। माना जाता है कि मां कात्यायनी प्रसन्न होकर सुयोग्य वर का आशीर्वाद देती हैं और विवाह में आने वाली बाधाएं दूर करती हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी की कृपा से भक्तों के सभी मंगल कार्य पूरे होते हैं। जानिए मां के जन्म के पीछे की कहानी-
मां कात्यायनी के जन्म के पीछे की कथा-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि कात्यायन देवी मां के परम उपासक थे। एक दिन मां दुर्गा ने इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर इनके घर पुत्री के रुप में जन्म लेने का वरदान दिया। ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण ही देवी मां को मां कात्यायनी कहा जाता है।
मां कात्यायनी ने किया था महिषासुर का वध-
मान्यता है कि मां कात्यायनी की उपासना से इंसान अपनी इंद्रियों को वश में कर सकता है। मां कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था। इसलिए ही मां कात्यायनी को महिषासुर मर्दनी भी कहा जाता है। इसके अलावा माता रानी को दानवों और असुरों का विनाश करने वाली देवी कहते हैं।
भगवान राम और श्रीकृष्ण ने भी की थी मां कात्यायनी की पूजा-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां कात्यायनी की पूजा भगवान राम और श्रीकृष्ण ने भी की थी। कहते हैं कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा की थी। मां दुर्गा ने सृष्टि में धर्म को बनाए रखने के लिए यह अवतार लिया था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved