मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) ने एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को लेकर चर्चा. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में एक भी मंत्री ऐसा नहीं था, जो मोदी से बात कर सके. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) की सरकार के दौर के अनुभवों को साझा किया. 2004 से 2014 तक कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में पवार कृषि मंत्री रहे थे.
मराठी दैनिक ‘लोकसत्ता’ की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में पवार ने कहा कि पूर्व पीएम सिंह और उनका मत यही था कि जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उनके खिलाफ ‘प्रतिशोध’ की राजनीति नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘जब मोदी गुजरात के सीएम थे, मैं केंद्र में था. जब पीएम सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाते थे, तो मोदीजी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का नेतृत्व करते थे और केंद्र पर हमला बोलते थे.’
उन्होंने कहा, ‘तो रणनीति बनाई जाती थी कि ऐसे हालात में मोदी का जवाब कैसे दें. यूपीए सरकार में मेरे अलावा एक भी मंत्री ऐसा नहीं था, जो मोदी जी के साथ चर्चा कर सके.’ पवार ने कहा कि यूपीए की आंतरिक बैठकों में वे मौजूद सभी लोगों को यह कहते थे कि भले ही उनके और मोदी और उनकी पार्टी भाजपा के बीच मतभेद हों, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे सीएम हैं.
उन्होंने बताया, ‘मैं बैठकों में कहा करता था कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे राज्य के सीएम हैं और लोगों ने उन्हें चुना है. अगर वे यहा मुद्दों के साथ आ रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है कि मतभेद सुलझें और उनके राज्य के लोगों के हित प्रभावित न हों.’ राकंपा प्रमुख ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री सिंह उनकी बात का समर्थन करते थे.
उन्होंने कहा, ‘मैं एकमात्र केंद्रीय मंत्री था, जो गुजरात जाता था और राज्य के मुद्दों को देखता था.’ उन्होंने इस बात को भी माना कि यूपीए गठबंधन के कुछ लोगों ने गुजरात सरकार के कुछ लोगों के खिलाफ ‘काफी ज्यादा’ बड़े कदम उठाए.
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