मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पिछले दिनों तीनों नए कृषि कानून (Farm Laws Repeal) वापस लेने का ऐलान किया. किसान इन तीनों कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने के लिए पिछले एक साल से अधिक समय से आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार के इन कृषि कानूनों की वापसी के फैसले को कुछ विपक्षी नेता चुनावी निर्णय बता रहे हैं.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने भी इन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. महाराष्ट्र के सतारा में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार सभी राज्यों को भरोसे में लेती और संसद में इन तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा करती तो आज स्थिति कुछ अलग होती. अगर कोई भी आगामी चुनाव नहीं होते तो शायद सरकार की ओर से तीन कानूनों की वापसी का फैसला नहीं लिया जाता.
शरद पवार ने महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी गठबंधन सरकार को लेकर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ‘मेरा यह अटूट विश्वास है कि महाराष्ट्र सरकार अपना 5 साल का कार्यकाल जरूर पूरा करेगी. अगर महा विकास आघाड़ी गठबंधन (शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस) साथ मिलकर अगला चुनाव लड़ेंगे तो हम एक बार फिर सत्ता में आएंगे.’
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करने के कुछ दिनों के बाद कृषि कानून वापसी विधेयक-2021 को बुधवार को मंजूरी दी गई है और अब इसे 29 नवंबर को शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान लोकसभा में पारित करने के लिए पेश किया जाएगा.
वहीं किसान नेताओं ने मंत्रिमंडल द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए पेश किए जाने वाले विधेयक को बुधवार को दी गई मंजूरी को औपचारिकता करार देते हुए अन्य मांगों, विशेषकर कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी को पूरा करने की मांग की है.
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