मुंबई (Mumbai) । शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda) सोमवार को उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के आवास ‘मातोश्री’ पहुंचे। इस दौरान उनका परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया और ठाकरे फैमिली ने उनकी पादुकाओं की पूजा की। इस मुलाकात के बाद शंकराचार्य ने मीडिया से बात की और कहा कि उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है। उन्होंने कहा कि मैंने उद्धव ठाकरे को आशीर्वाद दिया है कि वह फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजें। उन्होंने कहा कि हम सब लोग सनातन धर्म के पालन करने वाले हैं। हमारे यहां पुण्य और पाप की परिभाषा बताई गई है। गऊ घात एक बड़ा पाप है और उससे भी बड़ा घात विश्वासघात बताया गया है।
उन्होंने कहा, ‘उद्धव ठाकरे जी के साथ विश्वासघात हुआ है। इस बात की पीड़ा बहुत से लोगों के मन में है। आज हम यहां उनके अनुरोध पर आए और उन्होंने स्वागत किया। उनसे हम सभी ने कहा कि जब तक आप महाराष्ट्र के सीएम पर पुन: विराजमान नहीं हो जाते हैं, तब तक हमारी पीड़ा दूर नहीं होगी। विश्वासघात करने वाला हिंदू नहीं हो सकता, लेकिन जो इसे सह ले वह हिंदू होगा। विश्वासघात करने वाला कैसे हिंदू हो सकता है। पूरे महाराष्ट्र की जनता इससे पीड़ित है और चुनाव में यह प्रमाणित भी हो चुका है। जनता यह मानती है कि उद्धव ठाकरे जी के साथ विश्वासघात हुआ है। बीच में सरकार को तोड़ देना अच्छी चीज नहीं है।’
पीएम मोदी से मुलाकात पर बोले- हमारे दुश्मन नहीं, हम हितैषी हैं
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य ने कहा कि हमें राजनीति से लेना-देना नहीं है। लेकिन विश्वासघात को हमारे यहां पाप बताया गया है। यह बात कोई नेता नहीं बताएगा। वहीं दिल्ली में केदारनाथ जैसा मंदिर बनाए जाने पर शंकराचार्य ने कहा कि उसका प्रतिरूप नहीं बनाया जा सकता। द्वादश ज्योतिर्लिंग की बात कही गई है। केदारनाथ धाम दिल्ली में बनेगा, ऐसा कहना गलत है। हमारे धर्मस्थान में राजनीति वाले एंट्री कर रहे हैं। यह गलत है। केदारनाथ धाम से 228 किलो सोने का घोटाला हो गया है। इसकी आखिर कोई जांच क्यों नहीं होती। शंकराचार्य ने इस दौरान यह भी कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मुझे प्रणाम किया तो मैंने उन्हें आशीर्वाद दिया। हम उनके दुश्मन नहीं बल्कि हितैषी हैं। हां, जब वह गलत करते हैं तो फिर हम यह भी कहते हैं कि यहां तुमसे गलती हुई है।
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