छिंदवाड़ा: छिंदवाड़ा (Chhindwara) में द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने आज (18 अप्रैल) वक्फ बोर्ड और पश्चिम बंगाल की हिंसा पर बड़ा बयान दिया. उनका यह बयान धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है. उन्होंने वक्फ बोर्ड को समाप्त करने की मांग के साथ साथ पश्चिम बंगाल (West Bengal) में हिंसा पर भी सरकार से राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है.
शंकराचार्य ने वक्फ बोर्ड की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा, “हम चाहते थे कि वक्फ बोर्ड पूरी तरह खत्म हो. अगर यह व्यवस्था जारी रहती है, तो सनातन धर्म के लिए भी सनातन बोर्ड बनाया जाए.” उन्होंने इसे असमानता की जड़ बताते हुए कहा कि इस तरह की संस्थाएं संविधान की मूल भावना के खिलाफ हैं.
उन्होंने कहा कि 1950 में जो संविधान लागू हुआ, उसमें वक्फ बोर्ड का कोई उल्लेख नहीं है. यह हमारी संपत्तियों को हड़पने का एक सुनियोजित षड्यंत्र है. शंकराचार्य का कहना है कि भारत का संविधान सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होना चाहिए. किसी एक वर्ग के लिए विशेष अधिकार संविधान की भावना का उल्लंघन हैं.
पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा पर भी उन्होंने चिंता जताई. उनका कहना है कि राज्य में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था के चलते केंद्र सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए. बंगाल की स्थिति तेजी से जम्मू-कश्मीर जैसी हो रही है, अगर अभी कार्रवाई नहीं हुई तो वहां हालात नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं.
शंकराचार्य ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर किसी एक समुदाय को बढ़ावा देना सामाजिक असंतुलन पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि सभी धर्मों को समान सम्मान मिलना चाहिए, लेकिन वक्फ जैसे बोर्ड केवल एकतरफा फायदा पहुंचा रहे हैं.
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