प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj of Uttar Pradesh) में अगले वर्ष महाकुंभ (Maha Kumbha) का आयोजन 12 साल बाद होने जा रहा है। महाकुंभ की तैयारियां (Preparations for the Maha Kumbha) अभी से तेज हो गई हैं। कई संतों ने मांग कर डाली है कि गैर हिंदुओं का प्रवेश महाकुंभ में वर्जित होना चाहिए। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी इसके समर्थन में उतर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि जब गैर मुस्लिम सऊदी अरब जाते हैं तो मक्का से 40 किलोमीटर पहले ही रोक दिया जाता है। अगर आप हिंदू हैं तो मक्का नहीं जा सकते। मुस्लिमों का कहना है कि ये हमारा तीर्थ है, यहां हिंदुओं का क्या काम? हम भी यही कह रहे हैं कि यह हिंदुओं का महाकुंभ है। यहां गैर हिंदुओं का क्या काम, इसमें गलत क्या है? इसकी शुरुआत तो आपसे ही हुई है।
दरअसल शंकराचार्य गौमाता प्रतिष्ठा और गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने के लिए बुलाई गई प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। सरस्वती ने कहा कि ये वही बात है कि मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है? महाकुंभ हमारा आंगन है, यहां हमें अपने ढंग से जीने दीजिए। इस बार महाकुंभ में किस प्रकार से इस नीति को लागू किया जाएगा?
इसके बारे में शंकराचार्य ने कहा कि गाय कटती रहे और हम महाकुंभ मनाते रहें, यह कैसे संभव है? इसलिए महाकुंभ से पहले गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करके गौहत्या को दंडनीय अपराध बनाया जाए। शंकराचार्य ने कहा कि वे महाकुंभ में जाएंगे और वहां गौ प्रतिष्ठा के लिए महायज्ञ करेंगे।
वाराणसी में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने 36 प्रदेशों के लिए 36 प्रभारी घोषित किए जाने के बाद हर विधानसभा क्षेत्र के लिए गौ विधायक और हर लोकसभा के लिए गौ सांसद की नियुक्ति भी इस दौरान की। प्रेसवार्ता में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि सबसे पहले हिंदू अपने धर्म, मां की रक्षा करे, तब धर्म उनकी रक्षा करेगा।
गौमाता हमारा धर्म है, पहले उसकी रक्षा करो। जो गौहत्या की बात स्वीकारेगा, उसका बहिष्कार होगा। 36 प्रदेशों में गौरक्षकों को प्रभारी के रूप में नियुक्त किया जा चुका है। अब एक-एक जिला, विधानसभा क्षेत्र और जो सात लाख गांव हैं, उन सबमें गौ प्रतिष्ठा के लिए हमारे संरक्षक जाएंगे।
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