नई दिल्ली। हिंदुओं की एकता (Hindu unity) के लिए बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Bageshwar Dham Peethadhishwar Pt. Dhirendra Krishna Shastri) ने पदयात्रा निकाली। इस यात्रा पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद (Shankaracharya Avimukteshwaranand) ने अब सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने दावा किया है कि बाबा बागेश्वर राजनीतिक पार्टियों के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। यदि जाति की विदाई हो जाएगी तो हमारी (सनातन की) पहचान भी खत्म हो जाएगी, फिर कैसे कोई सनातनी रह पाएगा?
बाबा बागेश्वर की सनातन हिंदू एकता यात्रा पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ”वह सनातन यात्रा कर रहे हैं, नारा लगा रहे हैं कि जात-पात की करो विदाई, हिंदू-हिंदू भाई-भाई। वह कह रहे हैं कि बंटोंगे तो कटोगे यानी कि जात-पात में मत बंटो। दूसरी पार्टियां जाति की राजनीति कर रही हैं, इसलिए वह कह रहे हैं कि हिंदू रहो, जिससे वोट हमें मिलें। जाति में जब बंट जाते हो तो कुछ हिंदुओं का वोट हमें मिलता है, जबकि बाकी वोट दूसरी पार्टी को चला जाता है। अब इसी बात को पुख्ता करने के लिए बाबा बागेश्वर सड़क पर उतरे हुए हैं। वे राजनीतिक शक्ति के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, ”हिंदुओं की पहचान ही जाति होती है। जैसे ही कोई कहेगा कि आप कौन हो तो इस पर जवाब देंगे कि हिंदू। इसके बाद कौन सी बिरादरी है? ब्राह्रण हो या क्षत्रिय हो। यहीं से बात शुरू होती है। जब आप कहेंगे कि हिंदू हैं तो वह पूछेंगे कि कौन से हिंदू। कोई आप पर भरोसा करेगा? अगर आप अपनी बहन का विवाह करने गए हैं और पूछते हैं कि कौन बिरादरी से हो तो वह कहेगा कि हिंदू हैं, क्या आप विवाह कर पाओगे? नहीं कर पाओगे। हमारे यहां वर्णाश्रम का विचार है।”
शंकराचार्य ने कहा कि आंदोलन इसलिए होना चाहिए कि हम किसी को नीचा नहीं दिखाएंगे, किसी से नफरत न करें, लेकिन यदि जाति की विदाई कर देंगे तो हमारी पहचान ही नष्ट हो जाएगी फिर कैसे सनातनी रह पाएंगे? जैसे ही कहते हैं कि जाति की करो विदाई सनातन नष्ट हो जाएगा। वह राजनीति का एजेंडा करने के लिए उतारे गए हैं, इससे सनातन धर्म का लेना-देना नहीं है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved