नई दिल्ली। शनि देव को न्याय का देवता माना गया है लेकिन शनि का नाम आते ही लोगों के मन में डर पैदा हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार, जिस तरह शनि की स्थिति कुंडली में खराब होने पर व्यक्ति राजा से रंक बन जाता है, उसी प्रकार यदि शनिदेव की स्थिति कुंडली में अच्छी हो तो व्यक्ति रंक से राजा भी बन सकता है। शनि की चाल बदलने के साथ ही जातकों के जीवन पर उनके प्रभाव भी बदलते रहते हैं। साल 2021 में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या(half-and-half) के प्रभाव से 5 राशि के जातकों के जीवन में उथल-पुथल रही। आपको बताते हैं कि आने वाले साल 2022 में शनि देव (Shani Dev) की चाल से कौन सी राशियों के जातक प्रभावित रहेगें…
इस राशि को मिलेगी राहत
साल 2021 में शनि देव ने 5 राशियों के जीवन में उथल-पुथल मचाई। शनि देव वर्तमान साल में अपनी स्वराशि मकर में हैं, जिसकी वजह से धनु, मकर और कुंभ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, जबकि मिथुन और तुला पर ढैय्या चल रही है। आने वाले साल 2022 में धनु राशि (sagittarius) वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं मिथुन और तुला राशि(Libra) के जातकों को शनि की ढैय्या से राहत मिलेगी।
2022 के चौथे माह में करेंगे राशि परिवर्तन
शनि नए साल में 29 अप्रैल 2022 को मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के राशि परिवर्तन से मीन, कुंभ और मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती तथा कर्क और वृश्चिक राशि(Scorpio) पर शनि की ढैय्या लगेगी। यानि नए साल में भी मकर और कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती बनी रहेगी। जिसमें मकर राशि (Capricorn) के जातकों पर शनि साढ़े साती का आखिरी चरण शुरू होगा तो कुंभ वालों पर दूसरा चरण।
जुलाई 2022 में वक्री होंगे शनि
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि 17 जनवरी 2023 से शनि के मार्गी होने पर तुला और मिथुन राशि से पूरी तरह ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाएगा। तुला राशि पर शनि की ढैय्या 24 जनवरी 2020 से चल रही है। वहीं 2022 अप्रैल में धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से राहत मिलेगी, परंतु 12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर फिर से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 17 जनवरी 2023 को धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से और मिथुन राशि वालों को ढैय्या से पूरी तरह मुक्ति मिलेगी।
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