नई दिल्ली (New Delhi) । 17 जनवरी 2023 मंगलवार के दिन शनि कुंभ राशि (Aquarius) में गोचर कर जाएंगे. शनि के इस राशि परिवर्तन से धनु राशि (sagittarius) के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी. अभी शनि मकर राशि में हैं और 17 जनवरी को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह (saturn) को सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है. शनि, तुला राशि में उच्च अवस्था में और मेष राशि (Aries) में नीच अवस्था में माने जाते हैं. शनि कर्मफल दाता और न्यायप्रिय ग्रह माने जाते हैं.
शनि व्यक्ति को जुझारू बनाता है और जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि अच्छी स्थिति में हो, वह व्यक्ति किसी भी परेशानी से कभी भी घबराता नहीं है. ऐसे लोगों के अंदर गजब का आत्मविश्वास पाया जाता है. शनि काफी धीमी गति से चलते हैं. यही कारण है कि एक राशि में शनि लगभग ढाई साल का समय व्यतीत करते हैं.
किन राशियों पर रहेगा शनि की साढेसाती और ढैय्या का प्रभाव ?
हिंदू पंचांग के मुताबिक, शनि 17 जनवरी को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. ऐसे में मकर, कुंभ और मीन राशि में शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव देखने को मिलेगा. वहीं, कुंभ राशि में शनि के गोचर से मिथुन और तुला राशि के जातकों को ढैय्या से मुक्ति मिलेगी. साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर ढैय्या शुरू होगी.
शनि की साढेसाती और ढैय्या के उपाय
शनि के दुष्प्रभाव को शांत करने के लिए शनिवार के दिन व्रत रखने चाहिए. काली उड़द की दाल अथवा सप्त अनाज का शनिवार को दान करना चाहिए. काले वस्त्र भी दान किए जा सकते हैं, शिव की उपासना करनी चाहिए.
जिन लोगों पर शनि की साढेसाती या ढैय्या है उन्हें कोकिला वन या शनिधाम की यात्रा करनी चाहिए.
शनिवार के दिन जल में दूध मिलाकर पीपल के पेड़ पर अर्पित करें. साथ ही पीपल के कार काले तिल और चीनी रखें.
शनि से संबंधित वस्तुएँ जैसे – तेल, लोहा, काली मसूर, काले जूते, काले तिल, कस्तूरी आदि का दान करने से भी राहत मिलती है.
जब किसी शनिवार के दिन श्रवण नक्षत्र पड़ रहा हो तब शमी की जड़ को काले धागे में बाँध कर अभिमंत्रित कर के धारण करने से भी लाभ मिलता है.
किसी भी शनिवार से आरंभ कर के लगातार 43 दिन तक हनुमान जी के मंदिर में सिंदूर, चमेली का तेल, लड्डू और एक नारियल चढ़ाना चाहिए. सुंदरकांड का पाठ करने के बाद हनुमान चालीसा और श्रीहनुमाष्टक का पाठ करने से भी शनि से मिलने वाले कष्ट कम होते हैं.
शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के दौरान इन कार्यों से बचें
मंगलवार के दिन भीलकर भी काले रंग के कपड़े ना पहनें. शनिवार के दिन आप ,काले कपड़े पहन सकते हैं लेकिन इस दिन काले कपड़े खरीदने से बचें.
शनि की बुरा दशा के समय मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. अगर आप यह सब खाना नहीं छोड़ सकते तो कोशिश करें कि मंगलवार और शनिवार के दिन ना खाएं.
शनि साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान घर के बुजुर्गों के साथ नकारात्मक व्यवहार नहीं करना चाहिए.
शनिवार के दिन लोहा, तेल और काले तेल खरीदने से बचना चाहिए साथ ही इस दिन किसी से उधार ना लें.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य से पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं.
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