नई दिल्ली। किसी भी जातक की कुण्डली (Kundli) में बनने वाला राजयोग (RajaYoga) एक शुभ और बहुत प्रभावशाली योग होता है। वहीं ग्रहों का राशि में गोचर का विशेष महत्व होता है। यहां तक कि व्यक्ति को इस योग के प्रभाव से जीवन में सुख और समृद्धि मिलती है। सभी नौ ग्रह हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करते हैं। ज्योतिषशास्त्र (Astrology) के अनुसार मुख्यतः नौ ग्रह सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करते हैं।
बता दें कि 14 सितंबर को देव गुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में कुंभ राशि से मकर राशि में लौट रहे हैं। इससे कई बड़े परिवर्तन होने के संकेत हैं। मकर राशि में गुरु 18 अक्टूबर को मार्गी होंगे और 21 नवंबर को फिर से कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
नीच भंग राजयोग फल
नीच का ग्रह अपनी निर्बल स्थिति के कारण अच्छा फल नहीं दे पाता है। किन्त नीचभंग राजयोग वाला ग्रह अपनी दशा- अन्तर्दशा के मध्य और उसके पश्चात बहुत शुभ फल देता है। नीच भंग में ग्रह जब किसी उच्च के ग्रह के साथ संपर्क में हो तो यह स्थिति उसकी इस नीचता को समाप्त करने वाली होती है। इस स्थिति में नीच ग्रह अपनी अशुभता तो दिखाता है लेकिन जातक को इस अशुभ प्रभाव का अंत एक शुभ फल के रुप में मिलता है, यह बिलकुल ऎसा होगा जैसे की जातक को खराब स्थिति मिलेगी लेकिन उस संकट से वह तुरंत मुक्त होकर अपने जीवन में शुभता पाएगा।
क्या होगा राशियों पर प्रभाव
मेष राशिः नाम और प्रसिद्धि दिलाएगा गुरु
वृषभ राशिः भाग्य का मिलेगा भरपूर साथ
मिथुन राशिः यात्रा से बचना होगा
कर्क राशिः नौकरी के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे
सिंह राशिः स्वास्थ्य का रखना होगा ध्यान
कन्या राशिः बिजनेस में मुनाफे के योग
तुला राशिः पैतृक संपत्ति से होगा बड़ा लाभ
वृश्चिक राशिः जीवन साथी से बनेंगे मधुर संबंध
धनु राशिः धन लाभ के पूरे आसार
मकर राशिः अति आत्मविश्वास से बचें
कुंभ राशिः आय के स्त्रोत्र में इजाफा
मीन राशिः समय श्रेष्ठ फलदाई
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