नई दिल्ली(New Delhi) । नवग्रहों में शनिदेव(Shani Dev among the nine planets) को न्यायाधीश का दर्जा (judge status)प्राप्त है। शनि मकर(Saturn Capricorn) व कुंभ राशि के स्वामी(The Lord of Aquarius) हैं। शनि को तुला राशि(Saturn in Libra sign) में उच्च और मेष राशि में नीच का माना गया है। वर्तमान में शनि कुंभ राशि में विराजमान हैं। शनि के कुंभ राशि में होने से कर्क व वृश्चिक राशि पर शनि ढैय्या का प्रभाव है। शनि ढैय्या ढाई वर्ष की होती है। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि हर व्यक्ति को जीवन में एक बार शनि की महादशा का सामना करना पड़ता है।
शनि एक क्रूर ग्रह हैं। लेकिन जन्म कुंडली में शनि की उच्च स्थिति शुभ फल प्रदान करती है। शनि को कर्मफलदाता कहा गया है। शनि अच्छे कर्म करने वाले जातकों को अच्छा और बुरे कर्म करने वालों को अशुभ परिणाम देते हैं। जानें शनि ढैय्या से कर्क व वृश्चिक राशि वालों को कब मिलेगी मुक्ति-
शनि कब करेंगे शनि परिवर्तन- शनि सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनि किसी भी राशि में करीब ढाई वर्ष तक रहते हैं। यही वजह है कि शनि को एक राशिचक्र पूरा करने में करीब 30 साल का समय लगता है। शनि ने 17 जनवरी 2023 को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश किया था, तब से इसी राशि में विराजमान हैं। शनि अगले साल 29 मार्च 2025 को कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे।
कर्क व वृश्चिक राशि के बाद ये राशियां आएंगी शनि ढैय्या की चपेट में- साल 2025 में शनि गोचर से सिंह व धनु राशि पर शनि ढैय्या प्रारंभ होगी। कर्क व वृश्चिक राशि के जातकों को ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
इन राशियों पर चल रही शनि की साढ़ेसाती- वर्तमान में शनि की मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण चल रहा है। कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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