आज का दिन शनिवार और हिंदू धर्म में इस दिन को शनिदेव की पूजा अर्चना के लिए माना गया है । कहा जाता है कि शनिदोष से मुक्ति के लिए मूल नक्षत्रयुक्त शनिवार (Saturday) से आरंभ करके सात शनिवार तक शनिदेव की पूजा करने के साथ साथ व्रत (Fast) रखने चाहिए। पूर्ण नियमानुसार पूजा और व्रत करने से शनिदेव (Shani Dev) की कृपा होती है और सारे दुख खत्म हो जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में शनि ग्रह को मकर राशि का स्वामी माना गया है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन कई तरह की बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं किस तरह से शनिदेव की कृपा पाई जा सकती है।
शनिदेव की पूजा (Worship) में काले या नीले रंग की वस्तुओं का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। साथ ही शनिदेव को नीले फूल चढ़ाने चाहिए, मगर यह खास तौर पर याद रखें कि शनि की पूजा में लाल रंग का कुछ भी न चढ़ाएं। इसकी वजह यह है कि लाल रंग और इससे संबंधित चीजें मंगल ग्रह से संबंधित हैं। मंगल ग्रह को भी शनि का शत्रु माना जाता है।
शनिवार के दिन शनि मंदिर (Shani Temple) में शनि देव को सरसों का तेल (mustard oil) चढ़ाएं और शनि चालीसा और शनि आरती का पाठ करें।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव (Shani Dev) की पूजा करते समय कुछ नियमों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी होता है। सबसे पहले व्रत के लिए शनिवार को सुबह उठकर स्नान करना चाहिए। उसके बाद हनुमान जी (Hanuman ji) और शनिदेव की आराधना करते हुए तिल, लौंगयुक्त जल को पीपल के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए। फिर शनिदेव की प्रतिमा के समीप बैठकर उनका ध्यान लगाते हुए मंत्रोच्चारण करना चाहिए। जब पूजा संपन्न हो जाए तो काले वस्त्रों और काली वस्तुओं को किसी गरीब को दान में देना चाहिए।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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