नई दिल्ली। शनिवार(Saturday) का दिन शनिदेव (shanidev) और हनुमान (Hanuman Ji) की पूजा के लिए उत्तम माना गया है. शनिदेव को कर्मफल दाता कहा जाता है. जिस व्यक्ति पर शनि देव की वक्र दृष्टि पड़ जाती है, उसे बहुत दुख झेलना पड़ता है. लेकिन एक सच ये भी है कि हनुमान जी के आगे शनिदेव की नहीं चलती. कहा जाता है कि जो हनुमान जी का भक्त होता है शनिदेव उसका बाल भी बांका नहीं कर सकते. शनि देव को प्रसन्न करना हो तो हनुमान जी की पूजा जरूर करनी चाहिए. आइए जानते हैं आखिर क्यों हनुमान जी के भक्तों को परेशान नहीं करते हैं शनिदेव.
1. कारागार से दिलाई थी मुक्ति
पौराणिक कथा के अनुसार जब हनुमानजी माता सीता को खोज में लंका पहुंचे तब वहां एक कारागार में शनिदेव भी नजर आए. बजरंगबलि ने जब शनि से बंदीगृह में उनके उल्टा लटका होने का कारण जाना तो पता चला कि रावण ने अपने योग बल से उनके साथ कई अन्य ग्रहों को कैद किया है. तब हनुमान जी ने शनि महाराज को रावण की कैद से आजाद कराया था. इस पर खुश होकर शनि देव ने हनुमान जी से वर मांगने को कहा. तब हनुमान जी ने उनसे वचन मांगा कि मेरी आराधना करने वाले को कभी कष्ट नहीं दोगे.इसीलिए कहते हैं कि शनि या साढ़े साती के निवारण के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए.
2. शनि देव ने की थी हनुमान जी की पूजा भंग
एक बार पवनसुत रामजप में मग्न थे. तभी वहां से शनि देव गुजरे. अहंकार में डूबे शनिदेव ने हनुमान जी के जाप में बाधा डालने की कोशिश की. शनिदेव ने उनका ध्यान भंग करने के लिए कई प्रयास किए. यहां तक कि अपनी शक्ति का घमंड दिखाकर उन्हें डराने की भी कोशिश की. लेकिन हनुमान जी टस से मस नहीं हुए.
इतने में भी शनिदेव उन्हें ललकारते रहे और कहा कि तुम क्या तुम्हारे श्रीराम भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते. इसके बाद गुस्से में हनुमान जी ने उन्हें पूंछ में लपेटकर पत्थर पर पटकना शुरू कर दिया. शनि देव का हाल बेहाल हो गया.
अंत में शनि देव ने माफी मांग ली. तब हनुमान जी बोले कि भविष्य में ऐसी उद्दंडता मत करना और न ही मेरे भक्तों को सताना. तब से शनि हनुमान जी की पूजा करने वालों को परेशान नहीं करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करते है.)
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