लंदन विला डकैती में जमानत दिलवाने वाले वकील ने अग्निबाण से कहा – मुझे भी शर्म आ रही है कि आखिर किसके संरक्षण में है इंदौर
इंदौर, राजेश ज्वेल। वैसे तो पुलिस (Police) में चर्चित है कि वह किसी को भी अपराधी बना सकती है, मगर अभी लंदन विला डकैती (london villa robbery) के मामले में इंदौर पुलिस का शर्मनाक कृत्य उजागर हुआ है। उसने जहां पुलिस कमिश्नरी सिस्टम पर सवालिया निशान तो लगाए ही, वहीं किस तरह मुख्यमंत्री (Chief Minister) से लेकर इंदौर शहर की जनता की आंखों में धूल झोंकी, उसका नायाब उदाहरण है। जिस आरोपी को डकैत बताकर गिरफ्तार किया गया और 5 दिन की रिमांड पर भी लिया, उसके खिलाफ कोर्ट में एक भी पुख्ता सबूत इंदौर की पुलिस नहीं रख पाई और प्रथम दृष्ट्या ही सलीम जावेद को मात करती जो फिल्मी कहानी पुलिस ने गढक़र मीडिया को भी परोसी, वह कोर्ट में फर्जी साबित हुई।
जोर-शोर से पिछले दिनों पुलिस ने बकायदा पत्रकारवार्ता बुलाकर लंदन विला के डकैतों को पकडऩे का दावा किया और मुख्य आरोपी के रूप में सोमला सिंह को पकडऩा बताया और उसे पूर्व में भी कई संगीन अपराधों में लिप्त बताया गया। मगर मजे की बात यह है कि जो 22 आपराधिक प्रकरण सोमला के खिलाफ पुलिस ने बताए, उनमें से एक में भी उसे सजा नहीं मिली। आरोपी के वकील, जिसके तर्कों के चलते कोर्ट ने पहली ही पेशी में सोमला को जमानत दे दी, वे अभिभाषक संतोष खोवारे ने अग्निबाण से चर्चा करते हुए कहा कि उनको भी पुलिस के इस कृत्य पर शर्म आ रही है कि आखिर हमारा परिवार किसके संरक्षण में सुरक्षित है..? अगर इंदौर जैसे बड़े महानगर की पुलिस इस तरह फर्जी आरोपी को पकडक़र पेश कर सकती है तो बाकी जगह पर क्या स्थिति होगी.$? इस डकैती का जो वीडियो वायरल हुआ, उसे देखने के बाद इंदौर के हर परिवार को अपनी सुरक्षा की चिंता हुई और यहां तक कि रियल इस्टेट के कारोबारियों ने भी उनसे कहा कि जो शहर के बाहरी क्षेत्रों में उनकी टाउनशिप विकसित हो रही है, उनमें अब लोग फ्लैट, मकान या भूखंड खरीदने में डर रहे हैं। अभिभाषक खोवारे ने कहा कि पुलिस ने मीडिया में दावे किए कि 6 थानों द्वारा आरोपी सोमला से पूछताछ की जाना है। मगर कल कोर्ट में एक भी थाने का कोई जवान मौजूद ही नहीं रहा और ना ही डकैती में आरोपी के शामिल होने से जुड़े पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत किए जा सके। उलटा उसकी खूब मार-पिटाई की गई और लहूलुहान स्थिति में ही उसे कोर्ट में भी पेश किया गया। यहां तक कि जो 5 दिन पुलिस ने रिमांड ली उसमें भी उसे कोई तथ्य नहीं मिल सके और सीधे आरोपी को जेल भेजने की मांग कोर्ट से कर दी। मगर जब कोर्ट ने प्रस्तुत की गई केस डायरी के आधार पर पुलिस से तथ्य यानी सबूत मांगे तो उसे पेश करने में पुलिस पूरी तरह से असफल रही। यहां तक कि उसके खिलाफ कोई गंभीर अपराध भी नहीं पाया गया। पूर्व में जो प्रकरण दर्ज हुए वो भी चोरी-लूट या डकैतीके थे, मगर किसी एक में भी उसे सजा नहीं मिली। हालांकि पुलिस कमीश्रर राकेश गुप्ता (Police Commissioner Rakesh Gupta) ने इस पूरे मामले को गंभीर चूक मानते हुए बाणगंगा टीआई नीरज बिरथरे और जांच अधिकारी कमल किशोर को लाइन अटैच कर दिया।
डकैती का खौफनाक वीडियो देशभर में जमकर हुआ वायरल
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के मैनेजर के लंदन विला स्थित घर पर जो नकाबपोश बदमाशों ने डकैती डाली उसका खौफनाक वीडियो पूरे देशभर में जमकर वायरल हुआ और जिसने भी देखा वह सहम गया। इंदौर में तेजी से बायपास, सुपर कॉरिडोर से लेकर चारों तरफ टाउनशिप विकसित हो रही है, जहां रहने वाले तमाम परिवार इस वीडियो को देखकर दहशत में आ गए और इंदौर पुलिस पर भी दबाव पड़ा, जिसके चलते आनन-फानन में फर्जी आरोपियों की गिरफ्तारी बता दी।
किसान बनकर खेतों में काम किया और फिर गैंग को धर दबोचने का दावा
मीडिया का जो कहानियां पुलिस ने परोसी उसमें कहा गया कि एक दर्जन टीमें आरोपियों को पकडऩे में रात-दिन जुटी है और गांवों-जंगलों की तलाशी के साथ किसान के भेष में खेती का कामा किया और उसके बाद फिर मुख्य आरोपी सेमला सिंह को पकड़ा गया और गुजरात सहित अन्य राज्यों में भी पुलिस ने छापेमारी की और इंदौर के ही 6 थानों की पुलिस को उसकी तलाश है और गुजरात में भी डकैती डाली, जहां एक व्यक्ति की हत्या भी कर दी।
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