जबलपुर। गुरुवार सुबह इंसानियत को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई। जहां किसी मॉ ने अपनी सात दिन की नवजात बच्ची को कूड़ेदान के समीप फेंक दिया। बच्ची के शरीर पर चींटी लग गई और वह रोने बिलखने लगी। सुबह जब मॉर्निंग वॉक पर पहुंचे लोगों को बच्ची के रोने की आवाज आई तो उन्होने मौके पर जाकर देखा, जिसके बाद उनकी आंखे फटी की फटी रह गई और मामले की सूचना 100 डायल को दी गई। जिसके बाद नवजात बच्ची को एल्गिन अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती कराया गया। बच्ची के लावारिस हालत में पड़े मिलने से क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं पुलिस ने प्रकरण दर्ज करते हुए मामले को विवेचना में लिया है।
कहा जाता है कि जिसका कोई नहीं उसका खुदा होता है यारो, ये कहावत चरितार्थ हुई आधारताल तालाब के पास जहां लावारिस हालत में बच्ची को मरने के लिये छोड़कर गई उसकी मॉ तो पापी हुई, लेकिल मसीहा बनकर पहुंचे लोगों ने बच्ची को अस्पताल पहुंचकर उसे जीवन दान दे दिया। बताया जा रहा है कि गुरुवार सुबह अधारताल तालाब विसर्जन कुंड के समीप खाली जगह में नवजात शिशु रोते हुए अधारताल विकास समिति के सदस्य देवेन्द्र जयसवाल, संजय पाटकर, पूर्व पार्षद प्रदीप यादव, मोनू केवट, आतिश केवट, शिवम, मोनू, आशीष हैप्प, अंशुल और चंदन दहिया को दिखाई दी। जिसके बाद उन्होने तत्काल ही 100 डायल पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद एक सप्ताह की बच्ची को बेहतर उपचार के लिये एल्गिन अस्पताल पहुंचाया गया, जहां अब वह पूर्णत: सुरक्षित है।
किसने और क्यो बच्ची को फेंका
किस मॉ ने अपने कलेजे के टुकड़े को कचरे में फेंका और क्या वजह थी, इसकों लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाओंं का बाजार गर्म है। वहीं स्थानीय लोगों ने अपने स्तर पर इसकी पतासाजी भी शुरु कर दी है कि रात्रि काल से अलसुबह कौन-कौन उक्त स्थान पर आता हुआ देखा गया है, जिसकी भी पतासाजी की जा रहीं है।
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