नई दिल्ली: इसे किस्मत कहें या वक्त का करवट बदलना. शायद वी शालिनी अपने उन दिनों को कभी भूल नहीं पा रहीं होंगी. हाथों में पी-90 मशीन गन, सफारी सूट की वर्दी, आंखों पर काला चश्मा और कान पर वायरलेस सिस्टम. एक अलग ही दुनिया थी. पीएम कहीं पर भी जाते तो उनकी सुरक्षा में साथ-साथ चलना. लेकिन अब ये सब महज एक यादें बनकर सिमट गईं. हालांकि वो आज भी अपनी जिम्मेदारियों को उसी अंदाज से निभा रही है. हालांकि दिल में एक मलाल तो होता ही है.
36 साल की वी शालिनी आज तमिलनाडु स्पेशल पुलिस की 10वीं बटालियन की हेड कांस्टेबल हैं. उन्हें हथियार के रूप में एक लाठी मिली हुई है. लेकिन कुछ साल पहले उनके हाथों में एक P-90 सब मशीन गन हुआ करती थी और वह पीएम मोदी की क्लोज प्रोटेक्शन टीम (CPT) में नजर आईं. ये स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के अंडर आती है. शालिनी 2015 और 2018 के बीच पीएम के सीपीटी का हिस्सा थीं. उनकी ट्रेनिंग भी एकदम कमांडों की तरह हुई थी. वो एक तेजतर्रार महिला ऑफिसर की तरह पहचानी जाती थी.
शालिनी 2005 में हुईं थी शामिल
गरीबी के साए में पली बढ़ी शालिनी 2005 में एक कांस्टेबल के रूप में तमिलनाडु विशेष पुलिस में शामिल हुईं. लेकिन उन्होंने कभी सीखना बंद नहीं किया. किताबों के साए में वो अब भी घिरी रहती थी. बाद में उन्होंने गणित में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. टीओआई की एक रिपोर्ट में शालिनी ने बताया कि 2008 में जब वो एक कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में काम कर रहीं थीं, तब मुझे नवगठित तमिलनाडु पुलिस अकादमी में परेड प्रशिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया.
ट्रेनिंग के दौरान पड़ी SPG की नजर
वह कैडर्स को प्रशिक्षण दे रहीं थीं . उसी दौरान उसकी किस्मत से जोर मारा. उस वक्त कुछ एसपीजी अधिकारियों ने उसे देखा और कुछ परीक्षाओं और शारीरिक परीक्षणों में भाग लेने के लिए कहा. उन्होंने आगे बताया कि 2013 में मेरे वरिष्ठ निरीक्षक भक्तन मुझे टीएनपीए एसपी पी नागराजन के पास ले गए और उन्होंने खबर दी कि मुझे एसपीजी के लिए चुना गया है. मैं दिल्ली उतरी और फिर से मेरा परीक्षण किया गया. क्योंकि चयन प्रक्रिया होने के दो साल बाद मैं शामिल हो रही थी.
सोनिया के घर हुई थी पहली पोस्टिंग
इसके बाद 35 पुरुषों के साथ चार महीने के कठोर प्रशिक्षण के बाद उनकी पहली पोस्टिंग सोनिया गांधी के घर पर हुई. 2014 के अंत में उसके सीनियर्स ने बताया कि वो पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए सीपीटी में शामिल होने वाले लोगों की भर्ती करने जा रहे हैं. शालिनी ने इसके लिए अपनी इच्छा व्यक्त कर दी. सीनियर्स ने उसे काफी समझाया कि ये बहुत कठिन ड्यूटी है. लेकिन उसने कहा कि वो कर लेगी. इसके बाद सीपीटी में उसका चयन किया गया. पांच महीने की कठिन ट्रेनिंग के बाद वो एलीट सीपीटी में शामिल हुईं.
पीएम मोदी से बात करना गर्व का क्षण
पीएम की सुरक्षा में तैनात शालिनी से जब पीएम मोदी पहली बार मिले तो उनके बारे में पूछा. शालिनी कहती हैं कि तब ‘प्रधानमंत्री से अपनी शुरुआती मुलाकात के दौरान मैंने अपना परिचय तमिलनाडु पुलिस की शालिनी के रूप में दिया… यह मेरे लिए गर्व का क्षण था.’ एक ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि 2018 में उन्हें तमिलनाडु में अपनी मां की देखभाल के लिए फोर्स छोड़नी पड़ी. उन्होंने बताया, ‘कुछ वरिष्ठ अधिकारी नहीं चाहते थे कि मैं जाऊं. उन्होंने मुझे आयरन लेडी कहा. लेकिन मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था और मैं अपनी मूल इकाई में लौट आई.
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