लुधियाना: शालिजा धामी (Shalija Dhami) भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के इतिहास में पहली महिला अधिकारी बन गई हैं, जिन्हें फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट (frontline combat unit) की कमान सौंपी गई है. एयरफोर्ट में ग्रुप कैप्टन (Captain) का पद भारतीय सेना (Indian Army) में कर्नल के समान होता है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से ठीक एक दिन पहले भारतीय वायु सेना की ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी (Captain Shalija Dhami) ने एक बड़ी उपलब्धी अपने नाम की है.
एयरफोर्स ने धामी को वेस्टर्न सेक्टर में एक फ्रंटलाइन लड़ाकू इकाई (Combat Unit) की कमान संभालने के लिए चुना है. शालिजा धामी वर्ष 2019 में पहली महिला IAF अधिकारी बनीं, जिन्हें एक फ्लाइंग यूनिट के फ्लाइट कमांडर के पद पर प्रमोट किया गया था. 15 साल से अधिक के अनुभव के साथ उनके नाम के साथ कई बड़ी उपलब्धियां जुड़ी हुई है.
पंजाब के लुधियाना में जन्मीं धामी ने वर्ष 2003 में एचएएल एचपीटी-32 दीपक से पहली बार अकेले उड़ान भरी थी. इसी साल उन्हें भारतीय वायुसेना में एक फ्लाइंग ऑफिसर नियुक्त किया गया था. इसके बाद वर्ष 2005 में उन्हें फ्लाइट लेफ्टिनेंट और वर्ष 2009 में स्क्वाड्रन लीडर के रूप में पदोन्नत किया गया था. 2,800 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव रखने वाली धामी अब देश के संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में मिसाइल तैयारी और कमांड कंट्रोल की देखरेख करेंगी. धामी को दो मौकों पर एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ द्वारा भी सराहा गया है. वह वर्तमान में एक फ्रंटलाइन कमांड मुख्यालय की संचालन शाखा में तैनात हैं.
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