• img-fluid

    अंधविश्वास को बढ़ाने वाली फिल्म शैतान

  • March 09, 2024

    शैतान फिल्म को साइकोलॉजिकल थ्रिलर, होस्टेज ड्रामा, सुपरनेचुरल ड्रामा (Psychological Thriller, Hostage Drama, Supernatural Drama) और न जाने क्या-क्या कहा गया है, लेकिन यह फिल्म काला जादू और वशीकरण जैसे अंधविश्वासों का प्रचार मात्र है। शुरू में ही डिस्क्लेमर डाल दिया गया है कि फिल्म का उद्देश्य काला जादू जैसी बातों को बढ़ावा देना नहीं है, लेकिन फिल्म में ऐसी ही बेसिर-पैर की घटनाएं दिखाई गई हैं। काला जादू (Black Magic) करने वाला यह कृत्य क्यों करता है? वह किसको शिकार चुनता है? क्या वशीकरण से बचने की कोई विधि है? वशीकरण विज्ञानसम्मत है या कपोल-कल्पना? क्या इस तरह की किसी आसुरी शक्ति का उपयोग करने वाला बालक या बालिका के माता-पिता की अनुमति लेता है? भारत में ताकत और जवानी वापस पाने वालों और वशीकरण की शक्ति चाहने वालों की संख्या बहुत बड़ी है और उनके साथ ठगी होना आम बात है। ऐसे में यह फिल्म लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करती ही लगती है।


    मूल गुजराती फिल्म वश का यह ऑफिशियल हिंदी रीमेक है। इसमें शैतान से बचने के लिए हनुमानचालीसा या गंडे-ताबीजों का सहारा लिया गया था, हिंदी फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है। गुजराती में शैतान के वश में आई लडक़ी का रोल जानकी बोडीवाला ने किया था, हिंदी फिल्म में भी शैतान की शिकार बनी लडक़ी जानकी ही है। शैतान में आर. माधवन और अजय देवगन आमने-सामने हैं। बुरे पात्र की भूमिका निभा रहे माधवन के लिए अभिनय के ज्यादा मौके थे। अजय देवगन ने फिर दृश्यम सीरिज की दोनों फिल्मों की तरह ही एक ऐसे पिता का रोल किया है, जो अपने बच्चों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहता है।

    शैतान फिल्म में तांत्रिक बने माधवन के पास असीम शक्तियां हैं। क्या सचमुच किसी के पास होती हैं ऐसी शक्तियां? क्या सचमुच किसी के द्वारा तांत्रिक क्रिया की हुई कोई चीज खाने से वशीकरण के चक्कर में कोई फंस सकता है? क्या सचमुच कोई तांत्रिक किसी गुडिय़ा में शक्ति फूंक सकता है? फिल्म देखने के बाद दूर बने फार्म हाउस में रहने वाले लोगों के मन में जरूर डर फैल जाएगा। इस फिल्म में शुरू में ही दर्शकों को अंदाज हो जाता है कि आगे कुछ गड़बड़ होने वाली है, जब आठ साल के बच्चे को वीडियो एडिटिंग करते और उसके मन को भीगा हुआ मोबाइल चावल के डिब्बे में छुपाते हुए दिखाया गया था। इंटरवल तक तो फिल्म में घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन उसके बाद का हिस्सा निहायत ही ढीला और हास्यास्पद है। निर्देशक विकास बहल ने क्वीन जैसी फिल्में भी दी हैं, लेकिन इसमें वे बहक गए हैं। माधवन पूरी फिल्म में अजय देवगन पर भारी पड़े। फिल्म झेलने लायक भी नहीं है। इसे देखते वक्त अलग ही जुगुप्सा, घृणा और वीभत्स भाव जागृत होते हैं। सरकार को चाहिए कि इसे मनोरंजन टैक्स से मुक्त कर दे, क्योंकि इसमें मनोरंजन का अंश तो है ही नहीं।
    डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

    Share:

    दुनिया की सबसे लंबी डबल-लेन सुरंग, 90 मिनट बचेगा समय; सेला टनल की 10 खास बातें

    Sat Mar 9 , 2024
    नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज शनिवार यानी 9 मार्च को सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सेला सुरंग (Sela Tunnel) का उद्घाटन किया. इसका उद्देश्य हर मौसम में कनेक्टिविटी (Weather connectivity) बढ़ाना और चीन सीमा के साथ अरुणाचल प्रदेश के तवांग और कामेंग क्षेत्रों में तेजी से सैन्य तैनाती (military deployment) की सुविधा […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved