नई दिल्ली: बेबस माता-पिता की बेटी को बचाने की गुहार काम नहीं आई. देश से बहुत दूर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की जेल में बंद शहजादी खान (shahzadi khan) को फांसी की सजा दे दी गई है. अपनी बेटी को बचाने और उनकी स्थिति जानने के लिए माता-पिता ने पिछले हफ्ते दिल्ली हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी, इस पर जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि शहजादी को पिछले महीने ही फांसी की सजा दे दी गई थी, जबकि 5 मार्च (बुधवार) को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
याचिका पर अपना जवाब देते हुए केंद्र (विदेश मंत्रालय) ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि उत्तर प्रदेश की महिला शहजादी खान को पिछले महीने ही 15 फरवरी को फांसी दे दी गई थी. एएसजी चेतन शर्मा ने कोर्ट को सूचित किया कि अधिकारी हर संभव मदद दे रहे हैं और उनका अंतिम संस्कार 5 मार्च को होना है.
इससे पहले उनके पिता शब्बीर खान ने पिछले हफ्ते शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और विदेश मंत्रालय (MEA) से कानूनी हस्तक्षेप करने और अपनी बेटी को न्याय दिलाने की अपील की थी.
33 साल की शहजादी अबू धाबी की अल वथबा जेल में बंद थी. उन पर अपने नियोक्ता के नवजात शिशु की हत्या का दोषी करार दिया गया था, जिसके चलते उन्हें मौत की सजा सुनाई गई. कोर्ट में दाखिल याचिका के अनुसार, दिसंबर 2021 में शहजादी खान वीजा लेकर अबू धाबी गई थीं. इसके अगले साल अगस्त 2022 में एक परिवार के घर पर उन्हें नवजात की देखभाल का काम सौंपा गया.
हालांकि कुछ महीने बाद 7 दिसंबर 2022 को नवजात को टीका लगाया गया, लेकिन उसी दिन उसकी मौत हो गई. स्थानीय प्रशासन ने पोस्टमॉर्टम कराने की सिफारिश की लेकिन माता-पिता ने इसे खारिज कर दिया और जांच रोकने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए.
करीब 2 महीने बाद फरवरी 2023 में एक वीडियो सामने आया, जिसमें शहजादी खान को हत्या स्वीकार करते हुए दिखाया गया. हालांकि उनके पिता शब्बीर ने दावा किया कि यह कबूलनामा दबाव में लिया गया था. फिर 10 फरवरी 2023 को शहजादी को पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया और 31 जुलाई 2023 को उसे मौत की सजा सुना दी गई. शहजादी खान उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की रहने वाली थी. पिछले साल सितंबर की शुरुआत में शहजादी के पिता शब्बीर ने कहा था कि उनकी बेटी लंबे समय से यूएई की जेल में कैद है और उसने फोन करके बताया था कि उसे 20 सितंबर के बाद कभी भी फांसी दी जा सकती है.
शब्बीर खान ने यह भी बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ई-मेल के जरिए अपनी बेटी की जान बचाने का अनुरोध किया है. 17 फरवरी को कुछ खबरों में यह दावा किया गया था कि शहजादी को अगले 24 घंटे के भीतर फांसी दी जा सकती है. हालांकि, सूत्रों ने इस तरह की खबर को गलत करार दिया.
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