नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले पर ना केवल भारत (India) में गुस्सा है बल्कि पाकिस्तान में भी एक तबका गुस्से में है और हिन्दुस्तान से मांग कर रहा है कि वह पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके (POK) पर कब्जा करे और वहां पनप रहे आतंक का खात्मा करे। इस बीच, भारत ने पड़ोसी पर सख्त ऐक्शन लेते हुए सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया है, जिससे पाकिस्तान के हुक्मरान बौखला गए हैं। भारत एवं पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तानी संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित कर भारत के आरोपों को खारिज कर दिया लेकिन वहीं के लोग अब शहबाज सरकार को निशाने पर ले रहे हैं।
दरअसल, PoK के राजनीतिक कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने कहा है कि सैलानियों पर हमले कर पाकिस्तानी आतंकियों ने कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर की तरक्की देखकर पाकिस्तानी हुक्मरान परेशान हो गए थे। उन्हें यह अच्छा नहीं लग रहा था कि उसी कश्मीर के दूसरी तरफ अमन-चैन है। वहां सड़कें बन रही हैं, ब्रिज बन रहे हैं। वहां की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। लद्दाख में भी विकास हो रहा है। यह देखकर उन्हें पच नहीं रहा था।
कश्मीर की तरक्की से जल रहा था पाकिस्तान
मिर्जा ने कहा कि कश्मीर आगे बढ़ रहा था लेकिन पीओके के अंदर गुरबत है। वहां लोगों को 14-14 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है,इसलिए यहां भारी नाराजगी है और लोग अपने बच्चों के साथ आत्महत्या करने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी आकाओं ने इसीलिए कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर ये हमले करवाए हैं। मिर्जा ने कहा, “अब समय आ गया है कि हिन्दुस्तान PoK और PoJK दोनों को अपने हाथ में ले और उस पर कब्जा करे। यही इस मर्ज का परमानेंट इलाज होगा।”
…तो PoK में कभी भी दाखिल हो सकता है भारत
उन्होंने भारत सरकार के ऐक्शन के खिलाफ पाकिस्तान सरकार द्वारा उठाए गए ऐक्शन जिसमें शिमला समझौता को सस्पेंड करने बात कही गई है, उस पर भी सवाल उठाए और कहा कि पाकिस्तान ने ऐसा कर खुद ही अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है क्योंकि इसका मतलब ये हुआ कि अब लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) खत्म हो गई है और पाकिस्तान वापस सीजफायर लाइन पर आ गया है। इसका मतलब है कि भारत जब चाहे, तब पीओके में दाखिल हो सकता है।
शिमला समझौता रद्द किया तो और क्या-क्या लौटाएगा पाक?
बता दें कि शिमला समझौते में सीजफायर लाइन छोड़कर LoC का पालन करने पर सहमति बनी थी। इसके अलावा भारत ने 90,000 से ज़्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को बिना किसी शर्त के रिहा किया था। साथ ही पश्चिमी पाकिस्तान की कब्जाई गई जमीन भी लौटाने पर राजी हो गया था। मिर्जा ने कहा कि अब इस समझौते से पाकिस्तान के पीछे हटने का मतलब है 90,000 उन सैनिकों को फिर से हिन्दुस्तान को वापस करना होगा और जिसती कब्जाई जमीन भारत ने छोड़ी थी, वह सभी भारत को वापस करने होंगे।
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