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शाह ने इस हमले को ‘प्रायोजित हिंसा’ बताया, ना ही लोकतांत्रिक और ना ही मानवाधिकार

December 11, 2020

पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति काफी तनावपूर्ण है। वहीं, विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में बढ़ी राजनीतिक तकरार और कानून व्यवस्था पर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में एक सवाल यह भी है कि क्या पश्चिम बंगाल में संघ और राज्य के बीच टकराव वाले हालात बन सकते हैं? दरअसल, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले से यहां की चुनावी सरगर्मी और तेज हो गई है। बता दें कि जेपी नड्डा की बंगाल यात्रा के दौरान गुरुवार को 24 परगना में उनके काफिले पर ईंट-पत्थर से हमला किया गया था। नड्डा ने इसके लिए तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया था। पश्चिम बंगाल में सत्ता दल से अलग कोई नेता यहां पर सुरक्षित नहीं

इसके बाद यहां के लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को लेकर तमाम तरह के सवाल भी उठने लगे। यहां तक की गृह मंत्री अमित शाह ने नड्डा के काफिले पर हुए हमले के एक घंटे बाद ही रिपोर्ट मांगी थी। वहीं, इस घटना के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पर गृह मंत्री शाह को रिपोर्ट भेजी है। शाह ने इस हमले को ‘प्रायोजित हिंसा’ बताया। वहीं, शुक्रवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, बंगाल में इस वक्त ऐसे हालात हैं कि किसी विपक्ष के लिए जगह नहीं है। सत्ता दल से अलग कोई नेता यहां पर सुरक्षित नहीं है। उनके लिए कोई अधिकार नहीं बचे हैं, ना ही लोकतांत्रिक और ना ही मानवाधिकार। धनखड़ ने खुद को लोकतंत्र का रक्षक भी बताया।

…जब ममता सरकार की पुलिस ने सीबीआई की टीम को रोक दिया था यह पहली बार नहीं है जब राज्य में इस तरह की घटना हुई हो। याद रहे कि करीब दो साल पहले जब ममता सरकार की पुलिस ने सीबीआई की टीम को रोक दिया था। दरअसल, मामला यह था कि शारदा चिटफंट घोटाले में सीबीआई के 40 अधिकारी पूछताछ के लिए तत्कालीन पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पहुंचे थे।

उस समय स्थानीय पुलिस ने सीबीआई अधिकारियों को घर के अंदर घुसने से रोक दिया था। इसके अलावा सीबीआई अधिकारियों को जबरदस्ती पुलिस जीप में बैठाया और थाने ले गए थे। इसी दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुलिस कमिश्नर के घर पहुंची थीं। इसके कुछ ही देर बाद वह (ममता बनर्जी) सीबीआई की कार्रवाई के विरोध में मोदी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गईं थीं।

वहीं, एक साल पहले की बात याद कीजिए, जब अमित शाह के हेलीकॉप्टर को पश्चिम बंगाल में उतरने की इजाजत नहीं मिली थी। उस समय शाह भाजपा के अध्यक्ष थे। दरअसल, शाह को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को पश्चिम बंगाल के जाधवपुर में सुबह 11.30 बजे रैली को संबोधित करना था। मगर इजाजत नहीं मिलने के कारण उनकी रैली नहीं हो सकी थी। हालांकि इससे पहले भी ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ समेत कई बीजेपी नेताओं के हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति नहीं दी थी।

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