नई दिल्ली: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI, गणतंत्र दिवस के मौके पर आतंकवादी संगठनों अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट (Al-Qaeda and Islamic State) के साथ मिलकर राजधानी दिल्ली, पंजाब समेत देश के अन्य कई शहरों में बड़े हमले करने की साजिश रच रही है. खुफिया एजेंसियों की गोपनीय रिपोर्ट में पता चला है कि पाकिस्तान की ISI ने भारत में आतंकी हमले करवाने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इरबाहिम के गुर्गों की मदद ली है. भारत में होने वाले G-20 समिट पर भी इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा की नजर है.
पाकिस्तान की मदद से इन आतंकी संगठनों की साइबर विंग, साइबरस्पेस पर काफी एक्टिव हो चुकी है और G-20 समिट के दौरान बड़े साइबर हमले करने की फिराक में है. खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अपने स्लीपर सेल और अवैध रोहिंग्यों का इस्तेमाल कर 26 जनवरी के मौके पर दिल्ली और पंजाब में IED ब्लास्ट करवा सकता है. इस रिपोर्ट के मुताबिक अल-कायदा के आतंकी ‘लोन वुल्फ अटैक’ के फिराक में हैं. अगर 26 जनवरी पर आतंकी हमले का प्लान फेल हुआ, तो G-20 समिट के दौरान भारत के विभिन्न शहरों में आतंकी हमले करवाने की साजिश ISI ने रची है.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की ISI ने इस बार दिल्ली और पंजाब को टारगेट करने के लिए अवैध रोहिंग्या, दो बांग्लादेशी आतंकी संगठनों अंसार-उल-बांग्ला और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश का सहारा लिया है. सुरक्षा एजेंसियों के इस बेहद संवेदनशील रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि PFI पर प्रतिबंध लगने के बाद के, इसकी एक लो प्रोफाइल विंग फिर से एक्टिव हो सकती है और स्लीपर सेल की तरह गोरिल्ला अटैक को अंजाम दे सकती है. इस गोपनीय अलर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि प्रो-खालिस्तानी टेरर ग्रुप दिल्ली और पंजाब में किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने ‘दल खालसा’ और ‘वारिस पंजाब दे’ पर कड़ी नजर रखने की सलाह देते हुए कहा है कि ये दोनों संगठन देश का माहौल खराब की पुरजोर कोशिश में जुटे हैं.
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