नई दिल्ली (New Delhi)। सुप्रीम कोर्ट (SC) में मंगलवार को अतिक्रमण के खिलाफ जारी अभियान को लेकर सुनवाई चल रही थी। इसी बीच पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) और वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे (Dushyant Dave) उलझ पड़े। दोनों में बढ़ती तीखी बहस को देखते हुए शीर्ष न्यायालय की बेंच को ही दखल देना पड़ा। बेंच ने दोनों कानूनी दिग्गजों से शांत रहने और आपस में सम्मान बनाए रखने की सलाह दी।
मामले पर सुनवाई कर रही जस्टिस बीआर गवाई और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने कहा कि ‘हम सिर्फ आपसे (दवे) और सॉलिसिटर से अनुरोध ही करेंगे कि इस तरह खुलकर एक-दूसरे के लिए अपने प्यार का इजहार न करें।
एडवोकेट ने जवाब दिया, ‘थोड़ी तो तमीज दिखाएं। वह इसके अलावा कोई और भाषा नहीं समझते। आप इस तरह से क्यों बर्ताव कर रहे हैं, जैसे आप इस दफ्तर के लायक ही नहीं हैं?… भाजपा के इशारों पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।’
एसजी मेहता का कहना था कि इस तरह बगैर तैयारी के किए गए दावे गलत थे। उन्होंने कहा कि कोर्ट को दवे की तरफ से हताशा में की गई बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। मामला बढ़ता देख न्यायाधीशों ने एडवोकेट को शांत रहने के लिए कहा। दवे ने कहा, ‘मेरे दोस्त मेहता मुझे 40 सालों से जानने के बाद भी यह स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि मेरी आवाज ऊंची है। वह हमेशा इसी तरह शुरुआत करते हैं कि मैं चिल्ला रहा हूं।’
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved