इन्दौर। शिप्रा नदी के शुद्धिकरण के लिए इन्दौर और सांंवेर में बड़े पैमाने पर आने वाले दिनों में कार्य शुरू होना हैं। इसके लिए पूरा प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। इन्दौर में भी कई स्थानों पर कार्य होना है। इसके साथ-साथ सांवेर में सीवरेज का गंदा पानी रोकने के लिए 29 करोड़ के कार्य कराए जाएंगे। मानिटरिंग सेल के माध्यम से कार्यों की न केवल निगरानी होगी, बल्कि दिशा-निर्देश भी दिए जाएंगे। भागीरथपुरा, बाणगंगा से लेकर शहरी सीमा से सटे ग्रामीण क्षेत्रों के उन इलाकों को चिन्हित किया जा रहा है, जहां से सीवरेज का गंदा पानी कान्ह नदी में मिलता है।
पिछले दिनों प्रशासन और नगर निगम के आला अधिकारियों ने कई स्थानों का निरीक्षण किया था और इसको लेकर पूरी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक सांवेर और कुछ ग्रामीण हिस्संो मेें सीवरेज का पानी रोकने के लिए एसटीपी बनाए जाने की तैयारी है और दो एसटीपी बनाने के लिए स्थान ढूंढे जा रहे हैं। करीब 650 करोड़ रुपए से कई कार्य कराए जाएंगे, ताकि कान्ह और अन्य नालों का गंदा और सीवरेज का पानी शिप्रा में न मिले। इसके लिए प्रोजेक्ट अमृत-2 के तहत सांवेर के कई क्षेत्रों में 29 करोड़ की लागत से सीवरेज के कार्य कराए जाएंगे। सांवेर के कई क्षेत्रों में सीवरेज की लाइनें नहीं हैं और ओपन सीवरेज के कारण सारा पानी आसपास के नालों में मिलता है। नगर पंचायत के माध्यम से इसका प्रस्ताव तैयार कराया जाएगा और शिप्रा शुद्धिकरण के लिए गठित सेल की निगरानी में ही इसके सारे कार्य पूरे कराए जाएंगे, ताकि कहीं किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो।
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