भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक बार फिर से कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है। मौसम विभाग (Meteorological Department) के वैज्ञानिकों का कहना है कि बर्फीली हवाओं की वजह से प्रदेश में ठिठुरन बढ़ गई है। इससे भोपाल, इंदौर-ग्वालियर (Bhopal, Indore-Gwalior) समेत प्रदेश के 17 शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे दर्ज हुआ। पचमढ़ी और रायसेन में पारा सबसे कम है। अगले 24 घंटे में टेम्प्रेचर और भी लुढ़केगा। वहीं, 11 दिसंबर से प्रदेश में कोल्ड वेव यानी, सर्द हवाएं भी चलने लगेगी। मंगलवार को दिन भर ठंडी हवाएं चली जिससे दिन में भी ठंड का असर देखने को मिला।
मौसम विभाग ने 11, 12 और 13 दिसंबर को धार, गुना-अशोकनगर में कोल्ड वेव चलने का अलर्ट जारी किया है। जेट स्ट्रीम हवाएं 12.6 किमी ऊंचाई पर 277 किमी प्रतिघंटा के हिसाब से चल रही है। इससे एमपी में भी ठिठुरन है। आने वाले दिनों में हवा की ऊंचाई कम हो जाएगी। जिससे पूरे प्रदेश में सर्दी का असर बढ़ जाएगा।। बर्फीली हवाओं का सबसे ज्यादा असर उत्तरी हिस्से में रहेगा। इनमें ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग के जिले शामिल हैं।
राजधानी भोपाल में दिसंबर की सर्दी ने 2 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। एक ही रात में पारा 4.5 डिग्री लुढक कर 7.8 डिग्री पहुंच गया, जो पिछले दो साल में सबसे कम है। 2022 और 2023 में न्यूनतम तापमान 8.6 और 8.8 डिग्री रहा था। इधर प्रदेश के सभी शहरों में तापमान में गिरावट हुई। सबसे ठंडा पचमढ़ी रहा। यहां तापमान 3.5 डिग्री पर आ गया। जबकि रायसेन का 3.6 डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ दूसरे स्थान पर रहा। वहीं इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में भी खासी गिरावट हुई है। इंदौर में 8.7 डिग्री, ग्वालियर में 8.5 डिग्री, उज्जैन में 10 डिग्री और जबलपुर में 7 डिग्री तापमान रहा। इसी तरह राजगढ़, नौगांव, उमरिया ऐसे शहर रहे, जहां पारा 7 डिग्री से नीचे रहा।
मौसम विभाग के अनुसार, दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में सबसे ज्यादा ठंड पड़ेगी। कड़ाके की ठंड का यह दौर जनवरी तक बना रहेगा। इन्हीं 40 दिनों में 20 से 22 दिन कोल्ड वेव यानी, सर्द हवाएं की भी चल सकती है। हालांकि, दिसंबर के पहले ही पखवाड़े में सर्द हवाएं चलने का अलर्ट है। इस बार सबसे ज्यादा ठंड उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभाग में रहेगी।
वजह बर्फीली हवाएं सीधे आना है। वर्ष 2014 से 2023 तक के ट्रेंड पर नजर डाली जाए तो भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत प्रदेश के अन्य शहरों में दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में ही कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू होती है। इन पांच बड़े शहरों में पारे में सबसे ज्यादा गिरावट ग्वालियर में होती है। पिछले 10 साल में एक बार टेम्प्रेचर 1.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। जबलपुर में यह 4.4 डिग्री और उज्जैन में 2.5 डिग्री तक रहा है। भोपाल और इंदौर में भी टेम्प्रेचर 5 डिग्री से नीचे रहे हैं।
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