इंदौर। इंदौर-मनमाड़ के बीच रेल लाइन बिछाने से पहले रेलवे को अकेले मध्यप्रदेश में पहाड़ों को चीरकर 17.66 किलोमीटर लंबी सात सुरंगें बनाना पड़ेंगी। इनमें सबसे लंबी सुरंग 6.02 किमी लंबी होगी। महाराष्ट्र में दो सुरंगें बनेंगी, जिनकी लंबाई 3.50 किमी होगी। वहां की सबसे लंबी सुरंग 2.16 किमी लंबी होगी। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन की जवाबदारी मुख्य रूप से सेंट्रल रेलवे के भुसावल मंडल को सौंपी गई है। 309 किलोमीटर लंबे इस रेल मार्ग की लंबाई मध्यप्रदेश में लगभग 179 किमी और महाराष्ट्र में 139 किमी से ज्यादा रहेगी। सूत्रों का कहना है कि अभी तक की योजना के मुताबिक यह लाइन महू से पातालपानी के बीच इंदौर-खंडवा लाइन से आकर मिलेगी।
मप्र में कम फॉरेस्ट लैंड लेना होगी
रेल लाइन के लिए मप्र में कुल 0.032 हेक्टेयर फॉरेस्ट लैंड लेना होगी। मप्र में 709.067 हेक्टेयर निजी और 196.091 हेक्टेयर सरकारी जमीन रेल लाइन के लिए लगेगी। इसी तरह महाराष्ट्र में रेलवे को 36.966 हेक्टेयर फॉरेस्ट, 47.642 हेक्टेयर सरकारी और 711.496 हेक्टेयर निजी जमीनें लेना होगी। प्रोजेक्टों के लिए फॉरेस्ट लैंड लेने में सबसे ज्यादा समय लगता है।
बड़े-छोटे पुलों से होकर बिछेगी लाइन
मध्यप्रदेश में चंबल, नर्मदा, देव और गोई नदी पर रेल लाइन के लिए महत्वपूर्ण ब्रिज बनाना होंगे, जबकि महाराष्ट्र में गिरना, तापी और अरुणावती नदी पर बड़े ब्रिज बनेंगे।
ब्रिज म.प्र. महाराष्ट्र
बड़े पुल 50 44
छोटे पुल 83 47
रेल ओवरब्रिज 35 12
रेल अंडरब्रिज 62 79
वाया डक्ट 4 –
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