नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब सभी राजनीतिक दल अलग-अलग राज्यों के लिए अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर रहे हैं. अधिकतर सीटों पर प्रत्याशी घोषित भी हो चुके हैं. टिकट देते वक्त राजनीतिक दल जातिगत और सामाजिक समीकरण का पूरा ध्यान रख रहे हैं.
यहां इन सबके बीच कई जगहों पर जाति के हिसाब से टिकट न मिलने पर एक खास वर्ग में नाराजगी भी देखने को मिल रही है. ऐसा ही कुछ झारखंड में सामने आ रहा है. यहां क्षत्रिय समाज एनडीए की ओर से की गई उपेक्षा से काफी नाराजगी जाहिर कर रहा है. दरअसल, बीजेपी ने यहां राज्य की 14 लोकसभा सीटों में से 13 पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, लेकिन इस लिस्ट में एक भी उम्मीदवार क्षत्रिय समाज का नहीं है.
इस बार खत्म हुई क्षत्रिय समाज की दावेदारी
झारखंड में बीजेपी ने आजसू के साथ गठबंधन किया है. बीजेपी के हिस्से की 13 सीटों को छोड़ दें तो बची हुई एक सीट आजसू की ही है. इस बार बीजेपी ने धनबाद से तीन बार के सांसद पीएन सिंह और चतरा से दो बार के सांसद सुनील सिंह का टिकट काट दिया है. इनकी जगह जिन्हें टिकट मिला है वे क्षत्रिय समाज से नहीं आते हैं. चतरा से भूमिहार जाति के कालीचरण सिंह को तो धनबाद से बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो को टिकट दिया गया है.
29 मार्च को बैठक करके आगे की रणनीति बनाएगा समाज
क्षत्रिय समाज से किसी को भी टिकट न मिलने पर अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज के अंदर काफी नाराजगी है. अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि समाज के गुस्साए लोग लगातार फोन कर रहे हैं. 29 मार्च को समाज ने एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि समाज आगे क्या करेगा.
करीब 7 पर्सेंट है क्षत्रिय समाज की आबादी
विनय कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड में क्षत्रिय समाज की आबादी करीब 7 पर्सेंट है, लेकिन राज्य सरकार के कैबिनेट में भी इस समाज से कोई नहीं है. अब लोकसभा में टिकट देते वक्त भी हमें नजरअंदाज किया गया है.
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