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    बस्तियां जलमग्न, भोपाल ने भी सेना मांगी

  • August 30, 2020

    – बड़वाह पुल डूबा, सडक़ों पर नाव, महेश्वर में नर्मदा अहिल्या मंदिर तक पहुंची, नीमच में निचले इलाके डूबे
    – 17 जिलों में जल का जलजला, इन्दौर सहित 15 जिलों में अलर्ट
    – एनडीआरएफ की टीमें राहत में जुटीं
    रविवार। मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। नर्मदा सहित प्रदेश की सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसके चलते प्रदेश के सभी बांधों के गेट खोल दिए गए हैं। नर्मदा अपना किनारा लांघ शहरों तक घुस गई है और कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। जबरदस्त बारिश के चलते प्रदेश के 17 जिलों में भारी तबाही मची है।
    होशंगाबाद में जहां सेना ने मोर्चा संभाल लिया है, वहीं भोपाल में भी हालात बेकाबू हो गए हैं। सैकड़ों बस्तियां डूब गई हैं और निचले इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। कलेक्टर ने यहां सेना व हेलिकॉप्टर की मांग की है। उधर होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, रतलाम, मंदसौर, हरदा, शाजापुर, आगर-मालवा, कटनी, सागर, जबलपुर में बारिश ने भारी तबाही मचाई है। स्थिति इतनी विकराल हो गई है कि कई शहरों में एनडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं।
    बारिश और बाढ़ के चलते मध्यप्रदेश के 26 जिले सर्वाधिक प्रभावित हैं। इनमें से 9 जिलों के 500 से अधिक गांव पूरी तरह डूब गए हैं। इन गांवों से लगभग 8 हजार लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। प्रदेश में 1 हजार से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। फसलें बर्बाद होने से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। अब भी कई जगह नर्मदा खतरे के निशान से 20 से 25 फीट ऊपर बह रही है।


    आष्टा में इमारत ढही
    आष्टा में भारी बारिश के चलते एक बिल्डिंग ढह गई। इसके मलबे में दबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए।
    6 बच्चों की मौत
    बारिश में अलग-अलग हादसों में 6 बच्चों की मौत हो गई। कटनी में दीवार ढहने से 4 बच्चे दब गए।
    आगर-उज्जैन मार्ग बंद
    भारी बारिश के चलते पाट पुलिया के निकट पुल के ऊपर से पानी बहने के कारण आगर-उज्जैन मार्ग पूरी तरह बंद कर दिया है, जिस कारण मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं।


    हरदा में आधी रात को तबाही
    हरदा में जोरदार बारिश के चलते देर रात कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस आया। हंडिया गांव में नाव की मदद से लोगों को बचाया गया। लखुंदर पुल के ऊपर से भी पानी बहने लगा, जिससे यातायात रुक गया।
    फसलों को भारी नुकसान
    मध्यप्रदेश में लगभग 1 हजार गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए, जिसके चलते हजारों हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। बारिश के कारण किसानों में हाहाकार मचा है। उन्होंने मदद की गुहार लगाई है।
    सीएम कंट्रोल रूम में बैठे
    बाढ़ को लेकर सीएम आवास पर बनाए गए कंट्रोल रूम से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान नजर रखे हुए हैं। वे हर जगह की शिकायतें सुन रहे हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को तत्काल मदद करने के निर्देश दे रहे हैं।

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