नई दिल्ली। सितंबर महीने में सर्विस सेक्टर (Service sector) की ग्रोथ गिर कर 10 महीने के निचले स्तर (Growth falls to 10-month low) पर आ गई है। माना जा रहा है कि जबरदस्त प्रतिस्पर्धा, निर्यात की मांग में कमी (Decrease export demand.) और लागत के ऊपर बने दबाव की वजह से सर्विस सेक्टर की ग्रोथ में ये गिरावट आई है। सर्विस सेक्टर की तरह ही मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ भी सितंबर महीने में गिर कर 8 महीने के निचले स्तर पर आ गई है।
एचएसबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सर्विसेज पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) सितंबर महीने में घट कर 57.7 के स्तर पर आ गई है, जबकि अगस्त के महीने में सर्विसेज पीएमआई 60.9 के स्तर पर थी। इसी तरह से नंबर के महीने में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के ग्रोथ में भी गिरावट आई है। इस महीने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियां 8 महीने के सबसे निचले स्तर 56.5 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इस गिरावट के कारण भारत की कंपोजिट पीएमआई भी घट कर 57.1 के स्तर पर आ गई है। कंपोजिट पीएमआई मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई और सर्विसेज पीएमआई का औसत होती है।
बताया जा रहा है कि निर्यात की मांग में कमी, जबरदस्त प्रतिस्पर्धी माहौल और लागत पर बने दबाव की वजह से एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स पिछले 9 महीने में पहली बार 60 के स्तर से नीचे चला गया है। राहत की बात यही है कि ये अभी भी एक्सपेंशन की न्यूनतम सीमा 50 के स्तर के ऊपर बनी हुई है।
सर्विस सेक्टर से जुड़े राजीव खन्ना का कहना है कि भारत के कंपोजिट पीएमआई के आंकड़ों से जाहिर है कि भारत में सितंबर के महीने में सर्विस सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में विस्तार की गति धीमी हुई है लेकिन अभी भी ये अपने लॉन्ग टर्म एवरेज से ऊपर बनी हुई है। यही वजह है कि तात्कालिक गिरावट आने के बावजूद आने वाले समय को लेकर सकारात्मक उम्मीदें बनी हुई हैं।
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