आयकर विभाग ने 5 साल बाद क्रिप्टो करेंसी मामले की जांच शुरू की
इंदौर। आयकर विभाग (Income Tax Department) ने क्रिप्टो करेेंसी (Cryptocurrency) मामले की पांच साल बाद जांच शुरू कर दी है। साल 2017-18 के दौरान जिन लोगों ने क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) की खरीद-बेच की थी, उन्हें आयकर की धारा 148-ए के अंतर्गत नोटिस जारी कर दिए गए हंै।
जारी किए गए नोटिस में संबंधित लोगों को कुल ट्रांजेक्शन का मूल्य बताकर कारण बताओ नोटिस (Notice) जारी किया गया है कि क्यों न इस ट्रांजेक्शन की राशि को आपकी आय मानकर इनकम टैक्स (Income Tax) वसूला जाए। इसके अलावा क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) खरीदने के लिए किए गए प्रारंभिक निवेश संबंधित इनकम सोर्सेस, यानी आय के स्रोत क्या हैं, इसकी भी जानकारी देने के लिए नोटिस में लिखा गया है।
77 प्रतिशत टैक्स, 10 प्रतिशत पेनल्टी
जानकार विशेषज्ञों का कहना है कि मामला गंभीर है। यदि इस नोटिस (Notice) का जवाब सही अथवा संतोषजनक नहीं मिला तो धारा 148 के अंतर्गत सूक्ष्म व गहन तरीके से जांच की जाएगी और कर अपवंचन की राशि पर विशेष धारा में 77 प्रतिशत टैक्स के साथ 10 प्रतिशत पेनल्टी और अतिरिक्त ब्याज भी वसूला जाएगा। इसलिए विशेषज्ञ चार्टर्ड अकाउंटेंट के जरिए इस मामले को समझकर ही इसका सही जवाब देना होगा।
विगत वर्षों में इंदौरियों ने बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी में मुनाफा कमाया
चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज शाह (Pankaj Shah) का कहना है कि जिन लोगों को नोटिस (Notice) जारी किए गए हैं, यदि वो आयकर विभाग (Income Tax Department) के नोटिस (Notice) का बिंदुवार, विस्तार से संतोषजनक, तर्कपूर्ण और सही जवाब देते हैं तो टैक्स और पेनल्टी से बच सकते हैं। अगर करदाता ने क्रिप्टो के वॉलेट में निवेश की गई प्रारंभिक राशि बैंक से ट्रांसफर की है और बैंक में रकम पर कर चुका दिया है तो निवेश पर फिर से टैक्स नहीं लगेगा। क्रिप्टो करेंसी में की गई खरीद-बिक्री से अगर मुनाफा हुआ है तो उस पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा और अगर नुकसान हुआ है तो रिटर्न में नहीं दिखाने के कारण इस नुकसान का सेटऑफ नहीं मिलेगा। अगर क्रिप्टो करेंसी को तीन वर्ष तक रखकर बेचा गया है तो उस पर 20 प्रतिशत टैक्स देना होगा और उसे कैपिटल गेन माना जाएगा। 1 अप्रैल से क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) में होने वाले लाभ पर फ्लेट 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा, जिसमें किसी भी प्रकार की छूट नहीं मिलेगी, साथ ही कंपनी और फर्म या ऑडिट में आने वाले करदाता से 10000 रुपए से अधिक की क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) खरीदने पर और अन्य व्यक्ति से 5000 रुपए की क्रिप्टो खरीदने पर 1 प्रतिशत टीडीएस काटना होगा, साथ ही क्रिप्टो करेंसी को छूट राशि से अधिक बेचने पर जीएसटी भी लगने की संभावना रहेगी।
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