नई दिल्ली। टीबी टीका (TB vaccine) के लिए सरकार की समिति ने सीरम कंपनी का प्रस्ताव नामंजूर (Serum company’s offer rejected) कर सुरक्षा और इम्युनोजेनेसिटी संबंधी डाटा (immunogenicity data) मांगा है। कंपनी ने करीब एक महीने पहले टीबी टीका को आपात इस्तेमाल की अनुमति देने के लिए आवेदन सौंपा था, जिसके बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) (Central Drugs Standard Control Organization (CDSCO)) की विशेषज्ञ कार्य समिति (एसईसी) की बैठक में इसे खारिज कर दिया गया।
देश में हर साल टीबी रोगियों की संख्या और मौतें लाखों में दर्ज होती हैं। साल 2021 में 19.33 लाख नए मरीज मिले थे, जो साल 2020 की तुलना में करीब 19% अधिक हैं। इसी तरह 2019 से 2021 के बीच टीबी मृत्यु दर में भी करीब 11% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। साल 2020 में 4.93 लाख लोगों की टीबी संक्रमण से मौत हुईं। इसलिए एक बड़ी आबादी को टीबी से बचाने के लिए अध्ययन किया जा रहा है।
12,000 लोगों पर चल रहा है अध्ययन, आईसीएमआर भी अध्ययन में जुटा
नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की टीमें इसमें जुटी हुई हैं। हाल ही में आईसीएमआर ने बयान दिया था कि इस टीका पर तीसरे चरण का परीक्षण देश के छह राज्यों में 12 हजार लोगों पर शुरू होगा, जिसे पूरा होने में करीब दो वर्ष का समय लग सकता है।
समिति के सदस्य और वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि बीते 28 मार्च को सीरम कंपनी का आवेदन मिला था, जिसमें छह वर्ष या उससे अधिक आयु वाले लोगों के लिए टीबी के टीके को देश में आपात इस्तेमाल की अनुमति देने की मांग की गई थी। हालांकि बैठक में जब इस पर विचार किया गया तो वैज्ञानिक तौर पर साक्ष्यों की कमी थी जिसके चलते इसे मंजूर नहीं किया गया।
भारत में नहीं हुआ परीक्षण
सूत्रों के अनुसार सीरम कंपनी ने दक्षिण अफ्रीका में हुए अध्ययन का हवाला देकर भारत में इसके इस्तेमाल की अनुमति मांगी थी। वहां नवजात शिशुओं पर दो परीक्षण हुए हैं। जबकि तीसरे चरण का परीक्षण भारत में आईसीएमआर कर रहा है।
इनके अलावा दक्षिण अफ्रीका में दूसरे और तीसरे चरण के तहत दो हजार लोगों पर अलग से परीक्षण चल रहा है। समिति ने यह पाया कि सीरम कंपनी ने स्थानीय स्तर पर किसी भी तरह का ऐसा परीक्षण नहीं किया है।
टीका के लिए 2025 तक इंतजार
टीबी संक्रमण से बचाने के लिए आईसीएमआर के साथ सीरम कंपनी टीका पर अध्ययन कर रही है। इसके बाद ही अनुमति दी जा सकती है। इसके लिए 2025 तक इंतजार करना पड़ सकता है।
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