इंदौर, तेजकुमार सेन। पुख्ता सबूत के अभाव में लूट के लिए इंदौर के एक ज्वेलरी एजेंट की गोली मारकर हत्या का आरोपी कुख्यात सीरियल किलर सरमन शिवहरे पिता महेश शिवहरे निवासी पन्ना हाई कोर्ट से बरी हो गया। उस पर इंदौर सहित प्रदेश के अन्य शहरों में लूट और हत्या के 23 मामले दर्ज हैं, जिनमें दस तो हत्या के प्रकरण हैं। घटना लगभग 13 साल पूर्व 5 फरवरी 2010 की है। डायमंड कॉलोनी (जंजीरवाला चौराहा के पास) में ज्वेलरी एजेंट कुलदीप पिता नरेंद्र जैन निवासी कालानी नगर की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और उसका बैग लेकर आरोपी भाग गया था। पुलिस द्वारा उक्त आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर पुलिस ने विजय नगर बस डिपो में खड़ी पुरानी बस में सीट के नीचे रखा लूटा गया बैग जब्त किया था। अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने 25 मई 2013 को उसे लूट में दस साल और हत्या में उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ आरोपी की ओर से क्रिमिनल अपील हाई कोर्ट में दायर की गई। जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस अनिल वर्मा की डिवीजन बेंच ने उसे बरी कर दिया।
यह माना कोर्ट ने
उसके खिलाफ शासन की ओर से तर्क में बताया गया कि सरमन एक आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ लगभग 23 लूट और हत्या के आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमे लूट के मकसद से 10 हत्याएं शामिल हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में उल्लेखित किया कि यह सही है कि आरोपी का मजबूत आपराधिक इतिहास है, लेकिन जहां तक इस केस में दोषसिद्धि की बात है, उसके स्वयं के कथन को छोडक़र आरोपी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में विफल रहा है।
दो दिन में तीन उम्रकैद हुई थी
गौरतलब है कि वर्ष 2013 में आरोपी सरमन को ज्वेलरी एजेंट की उक्त हत्या के अतिरिक्त इंदौर में ही डॉ. वर्षा वर्मा और उनके सहायक राम की हत्या में दोषी पाए जाने पर दो अलग-अलग उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। ये तीन सजाएं मात्र दो दिन के अंतराल में हुई थीं। उसे ग्वालियर में भी उम्रकैद हो चुकी है। कई केस और चल रहे हैं, जिनका फैसला बाकी है।
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