सिवनी। लेक्टर डॉ राहुल हरिदास फटिंग के मार्गदर्शन में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा स्थानीय सीताफल उत्पादकों को अच्छा मूल्य दिलाए जाने एवं सिवनी में उत्डपादित प्तसिवनी_जंबो_सीताफल के क्रय-विक्रय एवं प्रचार-प्रसार हेतु विगत 20 अक्डटूबर 2022 को जिले के छपारा विकासखंड के भूतबंधानी सीताफल क्लस्टर के खैरमटाकोल ग्राम में क्रेता-विक्रेता सम्मेलन (बायर-सेलर मीट) एवं सीताफल संगोष्डठी का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 350 सीताफल के क्रेता, विक्रेता, कृषक, स्डव-सहायता समूह सदस्डय, सीताफल संग्राहक, जनपद अध्डयक्ष छपारा श्री सदम बरकडे, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती ललिता राबिन शाह, सरपंच श्री अवध लाल मरकाम, कृषि विश्डवविद्यालय के प्रमंडल सदस्डय श्री ओम ठाकुर, उपसंचालक कृषि श्री मोरिश नाथ, जिला व्डयापार एवं उद्योग केन्डद्र महा प्रबंधक श्री रघुवीर उइके, कृषि विज्ञान केन्डद्र सिवनी के वैज्ञानिक डॉ. निखिल सिंह, डॉ. जी.के.राणा, डॉ.के.के. देशमुख, श्री राजीव उइके, श्री श्याममिलन पांडे, श्री शमीम अंसारी, श्री श्याम ब्रम्हवंशी, श्री लालचंद धुर्वे, श्री रविशंकर बरमैया एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों की उपस्थिति रही।बायर-सेलर मीट कार्यक्रम में सांसद डॉ ढालसिंह बिसेन एवं सिवनी विधायक श्री दिनेश राय द्वारा प्तएक_जिला_एक_उत्पाद के तहत ‘Óसिवनी जम्डबो सीताफलÓÓ के लोगो का विमोचन किया गया तथा सांसद डॉ बिसेन ने उपस्थित क्रेता-विक्रेता /कृषक बंधुओ से क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से उत्डपादित सीताफल के प्रचार-प्रसार कर स्डथानीय स्डतर पर प्रोसेसिंग के प्रयास किये जाने की बात कही।
विधायक श्री राय द्वारा भी उपस्थित सीताफल क्रेता-विक्रेता एवं संग्राहकों को उनके ग्रामों एवं क्षेत्र में खाली जमीनों पर ज्डयादा से ज्डयादा सीताफल के पौधों का रोपण करें एवं किसान तथा संग्राहक संगठित होकर स्वयं बड़े- बडे शहरों में सीताफल की मार्केटिंग करने की बात कही।सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग डॉ. आशा उपवंशी-वासेवार द्वारा भी ”एक जिला एक उत्पाद” के तहत चयनित सीताफल फसल के क्षेत्र विस्तार, उत्डपादन, मार्केटिंग एवं प्रसंस्डकरण हेतु विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यो एवं योजनाओं की जानकारी देकर उपस्थित किसान तथा संग्राहकों को सीताफल के पौध रोपण एवं प्रोसेसिंग हेतु प्रोत्साहित किया गया। डॉ.उपवंशी-वासेवार द्वारा कृषकों एवं उपस्थितजनों को उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित पी.एम.एफ.एम.ई. योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान कर छोटी-छोटी खाद्य प्रसंस्डकरण इकाई लगाने हेतु अपील की गई। उन्होंने बताया कि उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित पी.एम.एफ.एम.ई. योजना अंतर्गत छोटी-छोटी खाद्य प्रसंस्डकरण इकाई स्डथापना हेतु प्रति परियोजना लागत का 35 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रूपये अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। इसी तरह कृषि विज्ञान केन्डद्र के वैज्ञानिक डॉ. राणा द्वारा भी सीताफल की तकनीकी खेती एवं सीताफल प्रसंस्डकरण की जानकारी भी प्रदान की गई।
उपस्थित अतिथियों द्वारा ग्राम में ही संचालित सीताफल विक्रय मंडी एवं सीताफल पल्डप प्रसंस्डकरण इकाई का अवलोकन किया गया। सांसद एवं विधायक द्वारा खैरमटाकोल में जल्डद ही सीताफल विक्रय मंडी स्डथापना का आश्डवासन दिया।
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