खवासा: सिवनी मार्ग (Seoni route) के खवासा से 17 किमी. पर कुरई घाट (Kurai Ghat) के समीप एशिया का सबसे बड़ा हवाई पुल (aerial bridge) जो पूर्णतः ध्वनि मुक्त राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 7 पर बनाया गया था, उसमें आज भारी बारिश के चलते बड़ी दरार (big crack) आ गई है. इस बड़े प्रोजेक्ट का निर्माण दिलीप बिल्डकॉन कम्पनी (Dilip Buildcon Company) द्वारा कराया गया था. सूत्रों की माने तो जिस स्थान पर दरार आयी है. उस हिस्से मे को ना काट कर उस स्थान पर मुरम -मट्टी की भरन भरी गयी थी और ठीक तरह से फिलिंग ना किये जाने का परिणाम आज बारिश के चलते देखने को मिला है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस ब्रिज को 10 वर्ष की गारंटी दी है थी, जो मात्र 3 वर्ष की बारिश भी झेल नहीं पाया, हालांकि किसी जान माल का नुकसान नहीं हुआ किन्तु अगर नजर नहीं पड़ी होती तो शायद बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. इस मार्ग का उपयोग भारी वाहनों द्वारा अधिकांश किया जाता है, जो नागपुर सिवनी हाइवे भी कहलाता है. यह साउंड प्रूफ हाईवे (Sound proof Highway) पेंच टाइगर रिजर्व से होकर गुजरता है, इसलिए इसका निर्माण इस तरह से किया गया है जिससे क्षेत्र में रहने वाले जानवरों को परेशानी न हो, यह NH 44 हाईवे नागपुर तक जाता है.
ज्ञात हो की हसीन वादियो सहित, 29 KM लंबाई का यह पुल, 960 करोड़ की लागत से दिलीप बिल्डकॉन कम्पनी दवारा बनाया गया है, जिसके आज यह हालात है कि इसमें एक बड़ी दरार ने इसकी गुणवता पर सवालिया निशान अंकित कर दिये है, देश के ऐसे बड़े प्रोजेक्ट मे इस तरह की चूक के क्या और कैसे परिणाम सामने आएंगे या जाँच होगी यह भविष्य की गर्त मे बस छुपा हुआ है और शायद हि इसके परिणाम हमे देखने मिले.
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