इंदौर। इंदौर (Indore) में मंगलवार को हुई जनसुनवाई (Public Hearing) में जिला प्रशासन विशेषकर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी की संवेदनशील पहल देखने को मिली। कोविड से अनाथ हुई बालिका के लिए जनसुनवाई में जिला प्रशासन ने माता-पिता का फर्ज निभाया। इंजीनियरिंग (Engineering) कर रही बालिका प्रकृति माहेश्वरी को कॉलेज आने-जाने के लिए दो पहिया वाहन भेंट किया।
इंदौर के एक निजी कॉलेज से बीटेक कर रही बालिका प्रकृति ने बताया कि उसके माता-पिता की गत 2021 में कोविड महामारी के दौरान मृत्यु हो गयी थी। शासन और प्रशासन (governance and administration) का मुझे हमेशा सहयोग मिलता रहा। उनके सहयोग से मुझे कोई बड़ी परेशानी नहीं हुयी। मेरा एडमिशन विजय नगर स्थित एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में हुआ। मैं सुदामा नगर में रहती हूं। यहां से कॉलेज बहुत दूर पड़ता था। मुझे आने-जाने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। मैंने अपनी समस्या कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को बतायी। उन्होंने गंभीरता के साथ मेरी समस्या को सुना और अधिकारियों को निराकरण के निर्देश दिए।
मंगलवार को जनसुनवाई (Public Hearing) में मैं पहुंची तो कलेक्टर साहब ने मेरी समस्या को देखते हुए मुझे दो पहिया वाहन दिलवाया। इस वाहन की चाबी मुझे अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर तथा अजय देव शर्मा ने सौंपी। मुझे मेरी समस्या से निजात मिली, आज मैं बहुत खुश हूं। उसने कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह मेरे नए जीवन की शुरूआत है। उन्होंने माता-पिता का फर्ज निभाया। प्रकृति ने कहा कि मेरा भी फर्ज है कि इंजीनियरिंग करने के बाद मैं जरूरतमंदों की सेवा करूंगी और इस कर्ज को उतारूंगी।
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