इन्दौर (Indore)। शहर के बीचोबीच आज सुबह लूट की सनसनीखेज वारदात हो गई। एक बिल्डर सहित उसके परिवार के दो सदस्यों और पड़ोसी को बदमाशों ने पिस्टल के दम पर लूट लिया और पुलिस के पहुंचने से पहले फरार हो गए। बिल्डर चार मंजिला बंगले में संयुक्त परिवार के साथ रहता है। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और पड़ताल शुरू कर दी। मंगल विलास मल्टी रेसकोर्स रोड में रहने वाले बिल्डर राहुल अग्रवाल ने बताया कि सुबह करीब आठ बजे चाचा कमलेश अग्रवाल घर से बाहर जाने के लिए बंगले से निकले और पार्किंग से कार निकालने लगे। इस बीच दो बदमाश घर के गेट से पार्किंग में आए और एक बदमाश ने चाचा के गले में हाथ डाला। उसके एक हाथ में पिस्टल थी। उसने पिस्टल से नीचे गोलियां भी गिराईं। उसके साथी के हाथ में चाकू था।
एक बदमाश ने कमलेश अग्रवाल की कनपटी पर पिस्टल अड़ाई और दूसरे ने पेट में चाकू अड़ा दिया। इसके बाद उन्हें पकडक़र अंदर ले गए। इसके बाद कमलेश अग्रवाल की सोने की अंगूठियां, कड़ा और ब्रेसलेट छीन लिया। उक्त बंगले में ही उनके भतीजे नीलेश और दिशांक अग्रवाल भी रहते हैं। वे घटना देखकर आए तो बदमाशों ने उनके साथ भी मारपीट की और उनकी अंगूठियां भी छीन लीं। पड़ोसी पिंकेश शाह भी मदद के लिए आए तो उनकी अंगूठियां भी छीन लीं। बदमाश सभी को जान से मारने की धमकी देकर भाग गए। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई, जिसमें दो नकाबपोश बदमाश वारदात करने आए थे। आशंका है कि इनके साथी भी घर के बाहर खड़े थे। घटना की जानकारी जैसे ही पुलिस को लगी तो तुकोगंज टीआई जितेंद्रसिंह यादव वरिष्ठ अफसरों के साथ मौके पर पहुंचे और तफ्तीश शुरू कर दी।
संकट चतुर्थी के व्रत की तैयारी के लिए निकले थे, घर में संकट ने दी दस्तक
रेसकोर्स रोड पर अग्रवाल परिवार और पड़ोसी के घर हुई लूट की घटना से पहले आज सोमवार के दिन अग्रवाल परिवार के घर पर संकट चतुदर्शी के व्रत का उद्यापन था, जिसके चलते शाम को घर में बड़ा फंक्शन होने वाला था। कमलेश अग्रवाल भी व्रत की तैयारी के लिए सुबह घर से सामान लेने के लिए निकल रहे थे। इस बीच उनके घर पर संकट ने दस्तक दे दी और इतनी बड़ी वारदात हो गई। पूरे मामले को लेकर आशंका है कि लुटेरे या तो परिचित हैं या फिर शातिर, जो पुलिस की कार्यप्रणाली और मौजूदगी को जानते थे।
वारदात के लिए सुबह का समय क्यों चुना…
पूरे घटनाक्रम को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह सामने आ रहा है कि डकैतों ने वारदात के लिए सुबह आठ बजे का समय ही क्यों चुना। शायद उन्हें पता था कि पुलिस इस समय सबसे ज्यादा सुस्त रहती है। सबसे बड़ी बात यह कि बदमाश अग्रवाल परिवार के घर में घुसे और पार्किंग तक पहुंचने के बाद कमलेश अग्रवाल और उनके साथ वालों के साथ लूटपाट कर भाग गए। अग्रवाल परिवार के घर के अंदर ऊपर वाले हिस्से में उन्होंने घुसने का प्रयास नहीं किया।
पहले गुप्ता परिवार के घर गए थे बदमाश..
बताया जा रहा है कि बदमाश पल्सर गाड़ी पर सवार होकर आए थे। वे अग्रवाल परिवार के घर जाने से पहले दिनेश गुप्ता और जयेश गुप्ता के घर पहुंचे थे। गुप्ता परिवार के घर के बाहर खड़ी महिला को देख बदमाशों ने पूछा भी था कि यहां कौन रहते हैं। इसके बाद वे वहां से भाग गए। दोनों बदमाश गुप्ता परिवार के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गए हैं। पुलिस अब फुटेज और पल्सर के नंबर के आधार पर आरोपियों की तलाश कर रही है।
सिर्फ 15 मिनट रहे लुटेरे, नए कमिश्नर की सख्ती के बीच पहली बड़ी वारदात
अग्रवाल परिवार का कहना है कि वारदात इतनी जल्दी हुई कि वे कुछ समझ ही नहीं पाए और उन्हें पुलिस को बुलाने का मौका भी नहीं मिला। अंदर आने से बाहर जाने तक लुटेरे घर की पार्किंग में सिर्फ 15 मिनट तक रहे। इसके बाद वे भाग गए। इस तरह की यह पहली घटना नए पुलिस कमिश्नर संतोषकुमार सिंह के इस कार्यकाल में हुई, क्योंकि गुंडे-बदमाश उनका खौफ भली-भांति जानते हैं। पिछली बार जब वे डीआईजी बनकर इंदौर आए तो तोड़ा क्षेत्र में गुंडे-बदमाशों ने गैंगवार किया था। कहा जा रहा था कि इस गैंगवार के माध्यम से शहर के गुंडे-बदमाशों ने डीआईजी को सलामी दी। लेकिन इसके बाद गैंगवार करने वालों की कमर और हाथ-पैड़ तोड़ दिए गए। दूसरी बार वे न सिर्फ बदमाशी करने से डरे, बल्कि अपराधों की दुनिया से तौबा कर ली। इसके बाद इन बदमाशों का खौफ पहले कभी नहीं देखा गया।
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