– लूट का सीन बनाकर देर रात खंडवा रोड पर हत्याकांड को दिया अंजाम
– नकाब पहने तीन बदमाश पीछे से घुसे फार्म हाउस में
इंदौर। देर रात शिवसेना नेता के फार्म हाउस में पीछे से घुसे तीन बदमाशों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। प्रारंभिक पड़ताल में यह बात सामने आ रही है कि हत्या पुरानी रंजिश में की गई है। बदमाशों ने लूटपाट जरूर की, लेकिन जो लूटा वह पीछे फेंक गए। शिवसेना नेता के परिजन रंजिश की बात से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि बदमाश लूटपाट करने की नीयत से आए थे।
तेजाजी नगर टीआई आरएन भदौरिया ने बताया कि 75 वर्षीय रमेश पिता हीरालाल साहू का खंडवा रोड पर करीब डेढ़ एकड़ का फार्म हाउस है। इसमें वे ढाबा और होस्टल संचालित करते थे। करीब 1 बजे उनके फार्म हाउस में बने मकान में पीछे खेतों की तरफ से तीन नकाबपोश बदमाश घुसे, जिनके हाथों में पिस्टल थीं। साहू बरामदे में सोए हुए थे, जबकि उनकी पत्नी गीतादेवी और दिव्यांग बेटी जया अलग कमरे में सोई हुई थीं। बदमाशों ने साहू के साथ मारपीट शुरू की तो पत्नी गीतादेवी की नींद खुली। कमरे का दरवाजा खोलकर वह बाहर आने लगीं, तभी दरवाजे के पास खड़े एक बदमाश ने उन्हें वापस कमरे में धक्का दे दिया और कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। उसके बाद साहू की देसी पिस्टल से गोली मारकर हत्या कर दी और गीतादेवी के कमरे में घुसे और आभूषण उतरवाकर घर का सामान अस्त-व्यस्त कर भाग गए। टीआई भदौरिया का कहना है कि जो ज्वेलरी लूटी गई थी वह घर के पीछे मिल गई है। इससे प्रतीत हो रहा है कि बदमाश हत्या के मकसद से आए थे। उनका लूट का इरादा नहीं था। लूट का सीन क्रिएट किया गया है, ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके। परिजन के बयान लिए जाएंगे और पता लगाया जाएगा कि किसी से कोई रंजिश तो नहीं थी। फिलहाल उनके साथ रहने वाली पत्नी गीतादेवी कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हैं।
उत्तर भारत का प्रभारी…बाल ठाकरे के नाम से निपटते थे मामले
रमेश साहू के बारे में बताया जा रहा है कि पहले वह शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष थे। वर्तमान में उत्तर भारत के प्रभारी बताए जा रहे हैं। साहू ने जमीन विवाद के कई मामले निपटाए। दिवंगत शिवशेना प्रमुख बाल ठाकरे के साथ साहू के कई फोटो हैं। बाल ठाकरे के नाम की धाक जमाकर ही वह ऐसे मामले निपटाते थे।
एक दर्जन पुलिस अधिकारी सहित एफएसएल टीम मौके पर…
हत्या की खबर लगते ही डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा ने स्थानीय पुलिस स्टेशन तेजाजी नगर टीम के साथ के साथ क्राइम ब्रांच और शहर के एक दर्जन पुलिस अधिकारियों को इंवेस्टिगेशन के लिए लगाया है। मौके पर एफएसएल की टीम भी पहुंची है जो बारीकी से पड़ताल कर रही है।
12 साल से फार्म हाउस में रह रहे थे
रमेश साहू का घर रामबाग स्थित जती कॉलोनी में है। यहां उनके तीन बेटे हेमंत साहू, देवेंद्र और वीरेंद्र अपने परिवार के साथ रहते हैं। साहू बीते करीब 12 सालों से पत्नी और बेटी के साथ वहां जाकर रहने लगे। एक बेटा हेमंत कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। हालांकि यह बात सामने आ रही है कि घर में साहू आते-जाते रहते थे।
मर्डर, हाफ मर्डर सहित करीब 21 मामले दर्ज हैं, अपराधिक पृष्ठभूमि रही
कहा जा रहा है कि रमेश साहू पर हत्या, हत्या के प्रयास और अड़ीबाजी जैसे करीब 21 मामले पुलिस रिकार्ड में दर्ज हैं। इसके चलते कहा जा सकता है कि उनकी पृष्ठभूमि आपराधिक रही है। कई लोगों से उनकी रंजिश भी थी। खासकर यह बात भी सामने आ रही है कि जिस डेढ़ एकड़ के फार्म हाउस में साहू रहते थे वह भी विवादित है। किसी रतलाम वाले से इस फार्म हाउस का विवाद चल रहा है। इंदौर के एक कांग्रेस नेता का भी इस जमीन को लेकर साहू से विवाद चला। यह बात भी सामने आ रही है कि महू जेल में बंद एक हिस्ट्रीशीटर गुंडे के भानजे के नाम इस फार्म हाउस की रजिस्ट्री थी, जिससे भी विवाद चला आ रहा है। इस बिंदु पर भी पुलिस जांच कर रही है।
जर्मन शेफर्ड श्वान नहीं भोंके दो नौकर भी बाहर सोए रहे
करीब आधे घंटे तक बदमाश रमेश साहू के फार्म हाउस में रहे। फार्म हाउस में पत्नी और बेटी के अलावा दो नौकर जितेंद्र और राजेश भी रहते हैं। दोनों का कहना है वे होस्टल की मैस में सोए हुए थे। हमें तो गीतादेवी ने आवाज लगाकर जगाया और जैसे ही बरामदे में गए तो सर खून से लथपथ पड़े हुए थे, लेकिन उनकी सांसें चल रही थीं। पुलिस को फोन लगाने के बाद एंबुलेंस की मदद से उन्हें अस्पताल पहुंचाया , लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत बता दिया। सबसे अहम बात कि रात को दोनों श्वानों को खुला छोड़ दिया जाता है, लेकिन वे घटनाक्रम के दौरान भोंके नहीं। यह बात पुलिस को असमंजस में डाल रही है। इससे यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्या में किसी ऐसे परिचित का हाथ है जो घर में आते-जाते रहे होंगे और श्वान उन्हें पहचानते होंगे।
30 साल पहले प्रदेश अध्यक्ष बने थे साहू, दो साल जेल में रहे फिर बन गए अध्यक्ष
साहू 1991 में शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष बने थे। चार साल अध्यक्ष रहने के बाद वे 1995 में एक हत्या के आरोप में जेल चले गए और 2 साल जेल में रहे थे। जेल से वापस आने के बाद उन्हें फिर प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। वे 2001 तक अध्यक्ष रहे। वर्तमान में वे किसी पद पर नहीं थे, लेकिन अपने आपको शिवसैनिक मानते थे। उनके रेस्टारेंट में बाला साहेब ठाकरे के साथ उनकी तस्वीरें भी लगी हुई है। पूरे प्रदेश के शिवसैनिक उन्हें प्रदेश में शिवसेना का पितृपुरूष मानते थे।
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