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राजस्थान में सनसनीखेज वारदात, ट्रैक्टर से युवक को 8 बार रौंदा

October 25, 2023

भरतपुर: राजस्थान के भरतपुर के बयाना थाना इलाके के गांव अड्डा में हुई सनसनीखेज वारदात में नया खुलासा हुआ है. भरतपुर पुलिस का कहना है कि इस हत्याकांड को मृतक निर्पत सिंह गुर्जर के भाई दामोदर सिंह गुर्जर ने ही अंजाम दिया है. जमीन के विवाद में वो अपने विरोधी पक्ष के लोगों को फंसाना चाहता था. आरोपी फिलहाल फरार है. दूसरी तरफ मृतक के पिता अतर सिंह गुर्जर का आरोप है कि पांच दिन पहले भी उनका अपने विरोधियों से झगड़ा हुआ था. उस समय पुलिस ने उन्हें थाने में बैठा लिया और देर रात 15 हजार रुपए लेकर उनको घर जाने दिया. हालांकि, पुलिस इस आरोप को झूठा बताते हुए कह रही है कि उस समय दोनों पक्षों की शिकायत के बाद 22 लोगों को पाबंद कर दिया गया था.

जानकारी के मुताबिक, बहादुर सिंह गुर्जर और अतर सिंह गुर्जर के परिवारों के बीच जमीन को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था. दोनों पक्षों के बीच पांच दिन पहले भी झगड़ा हुआ था. इसमें दोनों पक्षों की तरफ से बयाना थाने में शिकायत दर्ज हुई थी. आज बहादुर सिंह पक्ष के लोग विवादित जमीन को ट्रैक्टर से जोतने के लिए चले गए. इसकी सूचना मिलने के बाद दूसरे पक्ष अतर सिंह के परिवार वाले भी विरोध करने पहुंच गए. खेत की जुताई के दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर झगड़ा हुआ. कुछ समय बाद बहादुर सिंह पक्ष के लोग घर चले गए. लेकिन अतर सिंह के बेटे दामोदर सिंह को इतना गुस्सा आ गया कि उसने विरोधियों को फंसाने के लिए अपने ही भाई को ट्रैक्टर से रौंदना शुरू कर दिया.

पुलिस का कहना है कि दामोदर जब इस वारदात को अंजाम दे रहा था, तब गांव के कुछ लोगों ने वीडियो बना लिया. इस वीडियो को देखने के बाद समझ में आया कि दामोदर ने ही अपने भाई निर्पत सिंह की ट्रैक्टर से रौंद कर हत्या की है. गांव वालों ने भी वीडियो में दामोदर की पहचान की है. वारदात के समय उसने जो शर्ट पहनी थी, उसे घर में छुपा दिया था, ताकि उसकी पहचान न हो सके. लेकिन पैंट बदलना वो भूल गया, जो उसकी पहचान करने में मददगार साबित हुआ. एसएचओ जय प्रकाश परमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी. इस मामले में कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों के छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मुख्य आरोपी फरार है. उसकी तलाश की जा रही है.


अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश किलवानीय ने बताया कि बुधवार तड़के सूचना मिली कि अड्डा गांव में गुर्जर समुदाय के दो परिवारों के बीच झगड़ा हो रहा है. सूचना मिलते ही एसएचओ और सीओ सहित सभी पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए. वहां जाकर पता चला कि रास्ते के विवाद को लेकर दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ है. इसमें निर्पत सिंह गुर्जर के ट्रैक्टर से कुचलने के बाद मौत हो गई. इस झगड़े में आठ से अधिक लोग घायल हुए हैं. इनमें चार घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है. दोनों पक्ष के छह लोगों को हिरासत में लिया गया है. प्रथम दृष्टया मालूम पड़ता है कि जो ट्रैक्टर चालक है वह मृतक नरपत सिंह का सगा भाई दामोदर सिंह है. वो अपने विरोधियों को फंसाना चाहता था.

गुर्जर परिवारों के बीच जब झगड़ा शुरू हुआ तो उसे देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए. लेकिन वे सिर्फ तमाशबीन होकर यह मंजर देखते रहे और वीडियो बनाते रहे. हालांकि, वीडियो में निर्पत सिंह गुर्जर के कुछ परिजन उसे बचाने की कोशिश करते दिख रहे हैं, लेकिन ट्रैक्टर चालक इतनी तेजी से बार-बार आगे-पीछे हो रहा था कि वो आसानी से रुकने वाला नहीं था. ट्रैक्टर चालक ने निर्पत सिंह को तब तक रौंदता रहा, जब तक कि उसकी सांसें नहीं थम गईं. यदि तमाशबीन लोगों ने कोशिश की होती, तो शायद आज वो जिंदा होता. लेकिन ज्यादातर घटनाओं की तरह यहां भी इंसानियत शर्मसार हो गई. एक शख्स तड़प-तड़प कर मरता रहा, लोग उसकी मौत का वीडियो बनाते रहे.

मृतक निर्पत सिंह गुर्जर के पिता अतर सिंह गुर्जर ने पुलिस पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि पांच दिन पहले उनका बेटा निर्पत विवादित रास्ते से होकर जा रहा था. उस समय बहादुर सिंह गुर्जर के घर की महिलाओं ने उसके उपर कचरा फेंक दिया. इसका विरोध करने पर उन लोगों ने झगड़ा शुरू कर दिया. इतना ही नहीं थाने जाकर उन्हीं के खिलाफ केस भी दर्ज करा दिया. पुलिस ने उनको थाने में बुलाकर बैठाए रखा. रात 9 बजे जब उन लोगों ने 15 हजार रुपए दिए, तब जाकर उनको छोड़ा गया. पुलिस इन आरोपों को खारिज कर रही है. एसएचओ जय प्रकाश परमार का कहना है कि दोनों पक्षों की शिकायत के बाद आईपीसी की धारा 107/16 के तहत 22 लोगों को पाबंद कर दिया गया था. इस धारा के तहत पाबंद होने वाले लोग अगले 6 महीने तक किसी तरह का विवाद नहीं कर सकते हैं. वरना उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करती है.

भरतपुर पुलिस अभी प्रथम दृष्टया कह रही है कि इस वारदात को मृतक निर्पत सिंह गुर्जर के भाई दामोदर सिंह गुर्जर ने अंजाम दिया है. पुलिस का कहना है कि वायरल वीडियो में ट्रैक्टर चलाने वाले शख्स की पहचान दामोदर के रूप में की गई है. वो उसी पैंट दिख रहा है, जो उसे उस दिन पहना था. इसके अलावा गांव के कुछ लोगों ने भी उसकी पहचान की है. लेकिन यहां ये भी हो सकता है कि दामोदर ने जो पैंट पहनता था, वैसी पैंट आरोपी ने भी पहना हो. गांव के जिन लोगों ने पहचान की है, वो बहादुर सिंह गुर्जर के पक्ष के भी हो सकते हैं. सबसे बड़ी बात बयाना थाना की पुलिस का दामन खुद दागदार है. उन पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है. पुलिस कैसे काम करती है, इसकी हकीकत हर कोई जानता है. ऐसे में जबतक दामोदर पकड़ा नहीं जाता है, अपने गुनाह कबूल नहीं कर लेता है या पुलिस मजबूत सबूत नहीं पेश कर देती है, तबतक कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगा.

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