इंदौर। देशभर में अरबों रुपए की खासगी ट्रस्ट की सम्पत्तियों को बचाने का इंदौर हाईकोर्ट ने 118 पेज का ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसके चलते सभी सम्पत्तियां अब मध्यप्रदेश सरकार की हो जाएगी और ट्रस्ट द्वारा की गई डीड को भी हाईकोर्ट ने शून्य कर दिया है। यह भी रौचक जानकारी है कि खासगी ट्रस्ट बना कैसे…
Also Read: खासगी सम्पत्तियों की बिक्री में सरकार के नुमाइंदे भी शामिल रहे
दरअसल 1732 में पुणे में छत्रपति शिवाजी महाराज के पोते छत्रपति साहूजी महाराज का शासन था, जिसे पेशवा नियुक्त किया जा चुका था और पेशवा की संधी के तहत इंदौर व मालवा की सुबेदारी होलकरों को सौंपी गई और महाराजा होलकर को इंदौर का सुबेदार बनाया एवं धार में पंवारों और उज्जैन में सिंधियाओं को सुबेदारी दी गई। राजमहल और राज परिवार की सुविधाओं के खर्च के अलावा दान-धर्म के लिए पैसे की व्यवस्था करने के लिए महारानी गौतमबाई ने पेशवा से इसकी शिकायत की और तब इस समस्या को साहू जी महराराज ने गंभीरता से लिया और एक निधि स्थापित की, जिसे खासगी दौलत या खासगी जागीर नाम दिया गया। इसमें लूट और आक्रमण से मिली दौलत इसमें शामिल होती थी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved