इंदौर। प्राधिकरण ने दो फ्लायओवरों की शेष भुजाओं पर भी काम लगभग पूरा कर लिया है। सिर्फ तरी अभी चल रही है और इसी साल लवकुश और खजराना की इन दोनों भुजाओं से भी यातायात शुरू हो जाएगा, तो दूसरी तरफ योजना 134 में 17 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनाई गई सीनियर सिटीजन बिल्डिंग भी लगभग पूर्ण हो चुकी है। इसके बेहतर ऑपरेशन मॉडल को लेकर अभी प्राधिकरण विचार-मंथन कर रहा है। दूसरी तरफ सुपर कॉरिडोर के कुछ किसानों के साथ आज चर्चा भी की जा रही है, जिन्होंने अभी तक अपनी जमीनों की रजिस्ट्रियां प्राधिकरण के पक्ष में नहीं की है, उनकी आबंटित भूखंडों से लेकर कुछ जो समस्याएं हैं उनका भी निराकरण किया जाएगा, ताकि अगले 6 महीने में सुपर कॉरिडोर को पूर्ण विकसित कर दिया जाए।
अभी पिछले दिनों कलेक्टर आशीष सिंह ने सुपर कॉरिडोर के भूखंडधारकों की बैठक बुलाई थी और उनसे पूछा कि समस्याएं क्या हैं और उन्होंने अभी तक अपने भूखंडों पर किसी तरह का निर्माण कार्य शुरू क्यों नहीं किया। दरअसल, शासन-प्रशासन की मंशा है कि सुपर कॉरिडोर पर तेजी से प्रोजेक्ट शुरू हों, ताकि मेट्रो प्रोजेक्ट से लेकर शहर के विकास को भी नई दिशा मिले। अभी सुपर कॉरिडोर पूरा खाली पड़ा है। प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार का कहना है कि लगभग 126 करोड़ रुपए के जो बचे हुए विकास कार्य हैं वे अगले 6 माह में पूरे करा दिए जाएंगे, जिसमें सबसे अधिक 100 करोड़ रुपए की राशि तो सिर्फ बिजली व्यवस्था पर ही खर्च की जा रही है। सर्विस स्टेशन सहित बिजली की लाइन बिछाने स िहत अन्य कार्य भी शुरू कराए जा रहे हैं, तो 8.66 किलोमीटर की बची सडक़ों का निर्माण भी अब जल्द शुरू होगा। वहीं कुछ किसानों से रजिस्ट्रियां भी करवाई जाना है, उनको भी आज चर्चा के लिए बुलाया गया है। उनकी आबंटित किए गए भूखंडों के आकार-प्रकार से लेकर अन्य कुछ समस्याएं हैं, जिन्हें दूर किया जाएगा। कल उन्होंने सुपर कॉरिडोर के बचे हुए कार्यों को लेकर अधिकारियों की बैठक भी ली और अगले 6 महीने में पूरी तरह से कॉरिडोर को संवारने का दावा भी किया।
अहिरवार ने बताया कि की सुपर कॉरिडोर पर कुल 61.69 किलोमीटर की सडक़ का निर्माण किया जाना था। इसमें से अब तक प्राधिकरण के द्वारा 55.03 किलोमीटर की सडक़ का निर्माण किया जा चुका है। अब 8.66 किलोमीटर की सडक़ का निर्माण होना बाकी है। इसके साथ ही कुछ चौराहे के विकास और कुछ पानी की लाइन डालने के काम बाकी है। इस पूरे कार्य पर 25 करोड रुपए खर्च होंगे। श्री अहिरवार ने बताया कि पूरे सुपर कॉरिडोर के विद्युतीकरण का कार्य शुरू किया गया है। इस कार्य पर 100 करोड रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा सुपर कॉरीडोर पर बगीचे के विकास का कार्य भी किया जाना है । इस पर एक करोड रुपए खर्च होंगे। इस तरह से सुपर कॉरिडोर पर 126 करोड रुपए खर्च करने का कार्य प्राधिकरण के द्वारा शुरू कर दिया गया है। इस कार्य को अगले 6 महीने के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। इन सारे कार्यों के पूरा होने के बाद इंदौर का यह सुपर कॉरिडोर एक पूर्णत: विकसित कॉरिडोर के रूप में तब्दील हो जाएगा। सीईओ द्वारा प्राधिकरण के अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि इस कार्य को समय सीमा में पूरा करवाना है। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने की कार्य गुणवत्ता पूर्ण होना चाहिए। ध्यान रहे की प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के द्वारा सभी सरकारी विभागों को समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया है। मुख्यमंत्री के द्वारा दिए गए इस निर्देश को इंदौर विकास प्राधिकरण के द्वारा अपना लिया गया है। प्राधिकरण की ओर से अपने सभी अधिकारियों को यह चेता दिया गया है कि समय और काम की गुणवत्ता दोनों का ध्यान रखें।
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