भोपाल। प्रदेश में सरकार बनाने के बाद से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार एवं विभागों के आवंटन तक भारतीय जनता पार्टी में किसी तरह का विद्रोह या विरोध सामने नहीं आया है। इस बीच मध्य प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता जय सिंह कुशवाहा पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ कमलनाथ से मुलाकात कर पार्टी नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे की चर्चा हुई।इस मुलाकात को अगले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी में जय सिंह कुशवाहा को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का करीबी माना जाता है। वे 3 महीने पहले मध्य प्रदेश भाजपा द्वारा ग्वालियर जिला अध्यक्ष के लिए कमल मखीजा की नियुक्ति किए जाने के बाद से नाराज चल रहे हैं। जिला अध्यक्ष की नियुक्ति के समय भी उन्होंने प्रदेश संगठन को पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की थी, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के दखल के बाद वे बैकफुट पर आ गए। भाजपा जहां ग्वालियर चंबल संभाग में उपचुनाव वाली हर सीट पर पार्टी नेता एवं कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार कर रहे हैं इस विजय सिंह कुशवाह ने कांग्रेस से दोस्ती का हाथ बढ़ाकर एक बार फिर पार्टी नेताओं के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की है। कमलनाथ के साथ हुई मुलाकात को लेकर कुशवाहा का कहना है कि यह सौहार्द पूर्ण मुलाकात थी। इसे कांग्रेस में जाने या भाजपा छोड़ने से जोड़कर न देखा जाए। हालांकि जय सिंह कुशवाहा ने स्पष्ट किया कि उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी से ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट से टिकट की मांग करेंगे। यदि पार्टी टिकट नहीं देती है तब उनके सामने और भी रास्ते खुले रहेंगे, लेकिन फिलहाल कांग्रेस में जाने का कोई इरादा नहीं है। इधर पार्टी सूत्रों से खबर है कि कुशवाहा और कमलनाथ की मुलाकात को पार्टी ने गंभीरता से लिया है। इस संबंध में उन्हें प्रदेश मुख्यालय तलब कर पूछताछ की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि जय सिंह कुशवाहा भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। वे ग्वालियर साडा के अध्यक्ष भी रहे हैं।
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