नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2020-21 के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार (Stock market on last trading day of FY 2020-21) में बिकवाली का जोर बना रहा। इसके कारण बुधवार को घरेलू शेयर बाजार (Domestic stock market) बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए। इस तरह शेयर बाजार में वित्त वर्ष 2020-21 का अंत कमजोरी के साथ हुआ।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सूचकांक सेंसेक्स 627 अंक की गिरावट के साथ 1.25 फीसदी का गोता लगाते हुए 49509 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 50 इंडेक्स ने भी वित्त वर्ष के आखिरी कारोबारी दिन 154 अंक की कमजोरी के साथ 1.04 फीसदी लुढ़क कर 14691 के स्तर पर अपना कारोबार खत्म किया। जबकि बीएसई मिडकैप इंडेक्स और स्मॉलकैप इंडेक्स ने हरे निशान के साथ सत्र का अंत किया। बुधवार को वित्त सेवा और निजी बैंक इंडेक्स ने दो-दो फीसदी तक का गोता लगाया।
आईटी इंडेक्स ने एक फीसदी की कमजोरी दिखाई। निफ्टी एफएमसीजी, रियल्टी और पीएसयू बैंक इंडेक्स ने एक से डेढ़ फीसदी तक की छलांग लगाई। वित्त सेवा इंडेक्स पर आईसीआईसीआई प्रू लाइफ इंश्योरेंस के शेयर 3 फीसदी तक मजबूत हुए। बुधवार को सिर्फ दो निजी बैंकों और आईटी शेयरों ने ही तेजी दिखाई। रियल्टी इंडेक्स पर ओबेरॉय रियल्टी ने बाजी मार ली।
बुधवार के कारोबारी सत्र के दौरान 65 कंपनियों के शेयरों ने अपने 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर हासिल किया। इसके विपरीत 32 कंपनियों के शेयर अपने 52 सप्ताह के न्यूनतम स्तर तक लुढ़क गए। आज निफ्टी 50 इंडेक्स पर 21 शेयर हरे निशान के साथ बंद हुए, तो 29 शेयर ने लाल निशान के साथ कारोबार का अंत किया। सेंसेक्स- 30 पर केवल 10 शेयरों को छोड़कर 20 शेयरों ने तेजी दर्ज की। बीएसई पर कुल 1390 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। वहीं 1491 शेयरों में नरमी देखने को मिली।
जानकारों का कहना है कि देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों ने शेयर बाजार को डरा दिया है। इसके कारण शेयर बाजार में बिकवाली का दबान बना रहा और कारोबारियों ने लगातार बिकवाली की। इसके साथ ही अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में आई तेजी और रुपये की कमजोरी ने भी शेयर बाजार पर दबाव बनाया है। रुपया एक साल के निचले स्तर तक फिसल चुका है। ऐसे में बाजार की नजरें रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा और तेल उत्पादक देशों की कल होने वाली बैठक पर टिकी हुई हैं। रिजर्व बैंक भी 7 अप्रैल को मौद्रिक समीक्षा पेश करेगा। इन दोनों कारकों का शेयर बाजार पर बड़ा असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved